राजस्थान चुनावः भाजपा-कांग्रेस में इमोशनल और सोशल मुद्दों को लेकर रस्साकशी?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 1, 2018 09:46 AM2018-12-01T09:46:48+5:302018-12-01T09:46:48+5:30
Rajasthan Vidhan Sabha Chunav: जनता खामोशी से दोनों पक्षों को सुन रही है, 11 दिसंबर 2018 को चुनाव परिणाम के बाद ही स्पष्ट होगा कि- किसके वादों पर मतदाताओं ने भरोसा किया और किसके दावों को नकार दिया!
राजस्थान में जैसे-जैसे मतदान की तारीख- 7 दिसंबर 2018, करीब आ रही है, भाजपा और कांग्रेस, दोनों अपने-अपने सियासी फायदे के हिसाब से मुद्दों की रस्साकशी में लगे हैं. जहां भाजपा- आतंकवाद, पाकिस्तान, धर्म, गरीब का बेटा, सोने का चम्मच, चायवाला प्रधानमंत्री जैसे इमोशनल मुद्दों पर जनता का ध्यान केन्द्रित करना चाहती है, वहीं कांग्रेस युवाओं को रोजगार, किसानों की परेशानी, महंगाई, चौकीदार की भूमिका, राफेल सौदे में भ्रष्टाचार, महिलाओं की सुरक्षा, नोटबंदी आदि सोशल मुद्दों पर फोकस है.
इधर, चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी कहते हैं- ये नामदार के दरबारी बेशर्मी से माओवादी, नक्सलवादी, हिंसा करने वाले लोगों को क्रांतिकारी कहते है. माओवादी, नक्सलवादी को क्रांतिकारी कहने वाली कांग्रेस पार्टी को चुन-चुन कर इस चुनाव में साफ कर दीजिये.
वे कहते हैं- शौर्य और श्रम की धरती नागौर पर एक कामदार, नामदार के खिलाफ लड़ाई के मैदान में है. आप ही में से एक मैं भी हूं, जो जिंदगी आपने गुजारी है, वही जिंदगी मैं भी गुजार रहा हूं. न आप सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं न मैं सोने का चम्मच लेकर पैदा हुआ हूं.
उन्होंने चुनावी सभाओं में सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा भी लिया, बोले कि- इन लोगों की हिम्मत तो देखिए, बेशर्मी तो देखिए, सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध किया और हमसे सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग रहे हैं! जिस कांग्रेस की मानसिकता ऐसी है वो देश का भला कैसे कर सकती है?
आतंकवाद पर पीएम मोदी बोले- 2014 के पहले आए दिन हिन्दुस्तान में जगह-जगह पर बम धमाके होते थे. 2014 के बाद आतंकवादी कश्मीर की सीमा तक सीमित हो गए. देशभर में बम धमाके होने बंद हो गए.
उधर, राहुल गांधी कहते हैं कि- राजस्थान में चुनाव होने के बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर दस दिन में हमारी पार्टी किसानों का कर्जा माफ कर देगी और दुनिया की कोई भी शक्ति इस बात को नहीं बदल सकती कि राजस्थान के किसान का कर्जा दस दिन में माफ होगा. यही नहीं, वे कहते हैं कि- कांग्रेस इससे पहले पंजाब और कर्नाटक में भी ऐसा कर चुकी है और इसकी पुष्टि जनता वहां के किसी भी किसान से कर सकती है.
राहुल गांधी कहते हैं कि- पीएम मोदी ने कभी दो करोड़ रोजगार देने, किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की बात की थी, लेकिन अब वे इस बारे में बात नहीं करते हैं.
साथ ही वे आरोप लगाते हैं कि- राफेल डील के जैसे नोटबंदी भी भारत के खिलाफ अपराध और एक बड़ा घोटाला है. इसकी जांच कराकर दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.
जनता खामोशी से दोनों पक्षों को सुन रही है, 11 दिसंबर 2018 को चुनाव परिणाम के बाद ही स्पष्ट होगा कि- किसके वादों पर मतदाताओं ने भरोसा किया और किसके दावों को नकार दिया!