सीएम अशोक गहलोत 20 फरवरी 2020 को विधानसभा में राजस्थान का बजट पेश करेंगे. सियासी चर्चाएं हैं कि प्रदेश के इस बार के बजट में चिकित्सा, शिक्षा, जल संसाधन, किसान, युवा, उद्यमी सहित महिला हितों पर खास ध्यान दिया जाएगा.
इसीलिए सीएम गहलोत ने बजट से पहले सचिवालय में हुई विभिन्न बैठकों में उद्योगपतियों, एनजीओ, महिलाओं, युवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के सुझावों और मांगों पर चर्चा भी की थी. यही नहीं, वे पहले ही अपना इरादा बता चुके हैं कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि जन कल्याणकारी बजट तैयार किया जाएगा, जिसमें विभिन्न संगठनों के महत्त्वपूर्ण सुझाव शामिल किए जाएंगे, ताकि हर वर्ग को बजट का पूरा-पूरा लाभ मिल सके.
इतना ही नहीं, प्रदेश की आर्थिक सुस्ती को तोड़ने के लिए आगामी बजट में बेहतर प्रावधान रखने के प्रयास भी होंगे.
इस बजट में केंद्र की हिस्सेदारी से जुड़ी योजनाओं को तो महत्व दिया जाएगा ही, कांग्रेस की विभिन्न जन घोषणाओं से जुड़े कई मुद्दों पर भी फोकस होगा.
बहरहाल, तैयारियां तो जनप्रिय बजट की हैं, लेकिन प्रत्यक्ष- कमजोर आय, बढ़ती आर्थिक जिम्मेदारी और अप्रत्यक्ष- केन्द्र के असहयोग के बीच संतुलन स्थपित करना बड़ा सवाल है?