जयपुरः देश में कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है। इसके बावजूद भी संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार मामले बढ़ रहे हैं। राजस्थान में बुधवार (13 मई) को कोरोना वायरस संक्रमण के 87 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद प्रदेश में कुल कोरोना के मामलों संख्या बढ़कर 4213 पहुंच गई है। राहत की बात यह है कि आज कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में 87 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मामले प्रदेश की राजधानी जयपुर में पाए गए है। जयपुर में 32, पाली में 24, उदयपुर में 12, राजसमंद में सात, सवाई माधोपुर में पांच, कोटा में तीन और टोंक, नागौर, भरतपुर, बांसवाड़ा में एक-एक मामला सामने आया है।
आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब तक एक लाख, 85 हजार, 610 सैंपल एकत्रित किए गए हैं, जिनमें से एक लाख, 76 हजार, 976 लोग निगेटिव पाए गए हैं। वहीं, 4421 सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आई है। कुल मिलाकर 4213 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। इसके अलावा अभी 1641 सक्रीय मामले हैं। अभी तक 117 लोगों की मौत हुई है और 2455 लोग ठीक हो चुके हैं। साथ ही साथ 2159 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के अन्य राज्यों से लाखों की तादाद में लोग राजस्थान लौट रहे हैं, ऐसे में गांवों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए क्वारंटाइन हमारा टॉप एजेंडा रहेगा। इसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों खासकर विधायकों की बड़ी भूमिका रहेगी। वे इसे चुनौती के रूप में लें और हमारे प्रदेश को सुरक्षित रखने का दायित्व निभाएं।
सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना के शुरुआती दौर में ही हमारी सरकार ने सबके सुझावों को शामिल कर कार्ययोजना बनाई और अहम फैसले लिए। प्रदेश में अभी तक 1 लाख 85 हजार से अधिक सैम्पल लिए गए हैं। प्रति 10 लाख जनसंख्या पर राजस्थान में 2213 टेस्ट किए जा रहे हैं जो अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक हैं। उन्होंने कहा कि मई के अंत तक टेस्ट क्षमता 25 हजार प्रतिदिन कर ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पास बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है और बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए विस्तृत गाइडलाइन 11 मई को जारी की गई है ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रवासी श्रमिक अपने गृह स्थान जाने के लिए सड़क पर पैदल नहीं निकले। राज्य सरकार ने उनके लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर कैम्प की भी व्यवस्था की गई है।