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राजस्थानः प्रदेश की हिस्सा राशि कटौती को लेकर सीएम गहलोत ने लगाया केन्द्र पर सवालिया निशान

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: February 15, 2020 04:39 IST

सीएम गहलोत ने ने प्रमुख मुद्दों को भी उठाया और कहा कि देश की अर्थव्यवस्था जिस गंभीर चिंता के दौर से गुजर रही है, उसमें युवाओं को रोजगार से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है. हमारी सरकार एक साल से कुछ ही अधिक समय में 1,17,900 नौकरियां दे रही है. हमने अब तक 34,283 नियुक्तियां दे दी हैं, 34,527 के परीक्षा परिणाम जारी हो चुके हैं अथवा प्रक्रियाधीन हैं. साथ ही 45,773 पदों की भर्ती के विज्ञापन जारी हो चुके हैं, शेष अन्य कारणों से लंबित हैं.

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ठळक मुद्देप्रदेश की हिस्सा राशि को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र पर सवालिया निशान लगाया है.सीएम गहलोत का कहना है कि राजस्थान को केन्द्र से मिलने वाली हिस्सा राशि में हो रही कटौती चिंता का विषय बना हुआ है.

प्रदेश की हिस्सा राशि को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र पर सवालिया निशान लगाया है. सीएम गहलोत का कहना है कि राजस्थान को केन्द्र से मिलने वाली हिस्सा राशि में हो रही कटौती चिंता का विषय बना हुआ है. इससे राज्य की विकास योजनाओं पर असर पड़ रहा है.

केन्द्रीय करों में राजस्थान के हिस्से में वित्तीय वर्ष 2019-20 के केन्द्रीय अंतरिम बजट में 10,362 करोड़ रुपये की कटौती की गई है.

उनका कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की बकाया राशि 2,600 करोड़, सीएसटी क्षतिपूर्ति की बकाया राशि 4,137 करोड़ रुपये मिलाकर केन्द्र ने कुल 17,099 करोड़ रुपये की कटौती राज्य के हिस्से में की है.

यही नहीं, उन्होंने प्रमुख मुद्दों को भी उठाया और कहा कि देश की अर्थव्यवस्था जिस गंभीर चिंता के दौर से गुजर रही है, उसमें युवाओं को रोजगार से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है. हमारी सरकार एक साल से कुछ ही अधिक समय में 1,17,900 नौकरियां दे रही है. हमने अब तक 34,283 नियुक्तियां दे दी हैं, 34,527 के परीक्षा परिणाम जारी हो चुके हैं अथवा प्रक्रियाधीन हैं. साथ ही 45,773 पदों की भर्ती के विज्ञापन जारी हो चुके हैं, शेष अन्य कारणों से लंबित हैं.

अपनी सरकार के प्रयासों और केन्द्र के असहयोग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मनरेगा में जून 2018 में प्रदेश में मात्र 16 लाख श्रमिक नियोजित थे, जिनकी संख्या राज्य सरकार के प्रयासों से जून 2019 तक बढ़कर 30 लाख हो गई.

केन्द्र ने जनवरी, 2020 तक बकाया 1950 करोड़ नहीं दिए थे. मैंने इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, इसके बाद 878 करोड़ रुपए जारी किए गए. अभी भी 1070 करोड़ रुपए केन्द्र ने रोक रखे हैं.

सीएम गहलोत ने ट्वीट किया प्रतिपक्ष के रचनात्मक सुझावों का स्वागत है, राज्य सरकार जनहित को लेकर उनके सुझावों को तवज्जो देगी. सत्तापक्ष एवं प्रतिपक्ष मिलकर संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन देने में भागीदारी निभाएं.

बहरहाल, सीएम गहलोत ने हिस्सा राशि के मुद्दे पर केन्द्र सरकार को एक्सपोज करते हुए इस ओर इशारा कर ही दिया है कि उन्हें केन्द्र का सहयोग नहीं मिल रहा है, बावजूद इसके वे उपलब्धियां हासिल करने में कामयाब रहे हैं.

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