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राजस्थान: पुलवामा शहीदों की विधवाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन को मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया 'गलत', प्रदर्शनकारियों ने सीएम आवास को घेरा

By अंजली चौहान | Updated: March 9, 2023 17:33 IST

शहीद जवानों की विधवाओं ने सचिन पायलट के आवास पर भी धरना दिया। धरने में शामिल विधवाओं ने दावा किया कि सरकार ने अपने वादों को तोड़ दिया है, सरकार ने जो वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया गया।

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ठळक मुद्दे राजस्थान में पुलवामा हमले के शहीदों की विधवाओं का प्रदर्शन जारी सरकार के खिलाफ वादे पूरा न करने के खिलाफ प्रदर्शन जारी सीएम गहलोत ने प्रदर्शनकारियों की मांग को बताया अनुचित

जयपुर: पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए राजस्थान के सीआरपीएफ जवानों की विधवाओं द्वारा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार इस समय सवालों के घेरे में है कि क्यों वह प्रदर्शकारियों की मांग को मान नहीं रही है।

इस बीच मुख्यमंत्री ने प्रदर्शन कर रही विधवाओं की मांगों को अनुचित ठहरा दिया, जिससे प्रदर्शन और उग्र हो गया और ये सभी विधवाएं सीएम आवास का घेराव करने पहुंच गई। बताया जा रहा है कि शहीद जवानों की विधवाओं को धरना देते हुए करीब 10 दिन बीत चुके हैं और अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है।

शहीद जवानों की विधवाओं ने सचिन पायलट के आवास पर भी धरना दिया। धरने में शामिल विधवाओं ने दावा किया कि सरकार ने अपने वादों को तोड़ दिया है, सरकार ने जो वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया गया। विधवाओं की मांग है कि सरकार अपने वादे पूरे करें और लिखित रुप से इसका आश्वासन दें।

सीएम गहलोत के ट्वीट से रोष 

हालांकि, सीएम गहलोत ने विरोध करने वाली विधवाओं की मांगों को अनुचित ठहराया और इसे खारिज करते हुए ट्वीट किया। मुख्यमंत्री गहलोत ने एक पत्र शेयर करते हुए पुलवामा शहीदों के परिवारों द्वारा मांगों का मुद्दा उठाया और कहा ये उचित नहीं है। 

सीएम गहलोत ने अपने पत्र में शहीदों के परिजनों को उनके बच्चों के बदले नौकरी देने को अन्याय बताया है। उन्होंने कहा, "हम शहीद के बच्चों के अधिकारों को रौंद कर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देने को कैसे जायज ठहरा सकते हैं?..." उन्होंने कहा कि बड़े होने पर शहीदों के बच्चों का क्या होगा, क्या उनके अधिकारों को कुचलना उचित होगा। 

मुख्यमंत्री का ट्वीट जैसे ही सामने आया चारों तरफ रोष फैल गया। विरोध करने वाली विधवाओं ने सीएम आवास का घेराव कर लिया। सीएम आवास के यहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी, जिसने बैरिकेड्स का इस्तेमाल करते हुए प्रदर्शनकारियों को रोका। जानकारी के मुताबिक, हंगामे के दौरान एक प्रदर्शनकारी महिला बेहोश हो गई। इस दौरान वहां कोई भी डॉक्टर या चिकित्सा सहायता प्रदान नहीं की गई। पीड़िता की देखभाल वहां मौजूद एक कंपाउंडर ने की। 

बता दें कि इससे पहले भी पुलवामा शहीदों की विधवाओं का प्रदर्शन सरकार की कार्रवाई के कारण उग्र हो गया था। दरअसल, आरोप है कि महिलाओं पर पुलिस द्वारा हमला किया गया था, जिसके बाद विधवाओं का आक्रोश फूटा था।

प्रदर्शनस्थल से सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, इसी में से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें पुलिस को पुलवामा हमले में जान गंवाने वाले तीन सैनिकों की पत्नियों को घसीटते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान पुलिस उन पर बर्बरता करते हुए उन्हें घसीट रही है।

शहीदों की विधवाओं पर इस तरह की बर्बरता का देख हर कोई राजस्थान पुलिस और प्रशासन की आलोचना कर रहा है। वहीं, राज्य में विपक्ष में खड़ी भाजपा लगातार अशोक गहलोत की सरकार को घेरने में जुटी हुई है। 

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