राजस्थान चुनावः 61 सालों का इतिहास है गवाह, इस 1 सीट के समीकरण बता देते हैं किसकी होगी सूबे में जीत
By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 4, 2018 10:01 AM2018-10-04T10:01:25+5:302018-10-04T10:05:36+5:30
Rajasthan Assembly election 2018 Update: राजस्थान की इस सीट के करीब 61 सालों के इतिहास गवाह है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिस पार्टी ने इस सीट को जीता, वह राज्य में सरकार ना बना पाई हो।
जयपुर, 4 अक्टूबरः राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा विधानसभा सीट का इतिहास अनोखा है। यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। इसकी विधानसभा संख्या 181 है। इस सीट की खास बात यह है कि इसे जितने वाली पार्टी कभी सत्ता से दूर नहीं रही। शाहपुरा विधानसभा चुनाव के करीब 61 सालों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिस पार्टी ने इस सीट को जीता, वह राज्य में सरकार ना बना पाई हो।
शाहपुरा सीट 1957 में बनी। इसके बाद साल अगले 20 सालों तक राज्य में कांग्रेस शासन रहा, तो इस सीट पर भी कांग्रेस के ही उम्मीदवार जीतते रहे। लेकिन जब 1977 में देश में जनता पार्टी की लहर चली तो शाहुपरा में भी जनता पार्टी का ही विधायक चुन कर आया। इसके बाद प्रदेश में दोबारा कांग्रेस का दौर शुरू हुआ तो 1980 और 1985 के दोनों विधानसभा चुनावों में कांग्रेस (इंदिरा) ने इस सीट को जीता।
इसके बाद 1990 और 1995 दो बार लगातार बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाई। पहली बार बीजेपी ने जनता दल के साथ मिलकर सरकार बनाई और दूसरी बार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से तो दोनों ही बार शाहपुरा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार विजयी रहे।
इसके बाद साल 1998 से राजस्थान में शुरू हुआ हर चुनाव में सत्ता परिर्वन का दौर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 1998 में कांग्रेस ने बाजी मारी तो शाहपुरा में भी बीजेपी उम्मीदवार ने बाजी मारी। 2003 में जब बीजेपी ने वापसी की तो शाहपुरा से भी बीजेपी उम्मीदार ही जीता। इसी तरह साल 2008 और 2013 के चुनावों में पहले कांग्रेस और फिर बीजेपी उम्मीदवार विजयी रहे।
भीलवाड़ा जिले की आरक्षित शाहपुरा सीट पर इस वक्त बीजेपी के कैलाश चंद्र मेघवाल विधायक हैं और वह राजस्थ्ाान विधानसभा के स्पीकर भी हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव | विजयी पार्टी | विजयी उम्मीदवार | विजयी उम्मीदवार की पार्टी |
---|---|---|---|
1957 | कांग्रेस | काना | कांग्रेस |
1957 (उपचुनाव) | कांग्रेस | राम प्रसाद | कांग्रेस |
1962 | कांग्रेस | काना | कांग्रेस |
1967 | कांग्रेस | भूरा | कांग्रेस |
1972 | कांग्रेस | भूरा | कांग्रेस |
1977 | जनता पार्टी | भैरू | जनता पार्टी |
1980 | कांग्रेस- आई | देबी लाल | कांग्रेस- आई |
1985 | कांग्रेस- आई | देबी लाल | कांग्रेस- आई |
1990 | बीजेपी-जेडी | भारू लाल भैरवा | बीजेपी |
1995 | बीजेपी-अन्य | कैलाश चंद्र मेघवाल | बीजेपी |
1998 | कांग्रेस | देवी लाल भैरवा | कांग्रेस |
2003 | बीजेपी | राम रतन भैरवा | बीजेपी |
2008 | कांग्रेस | महावीर प्रसाद जिंगर | कांग्रेस |
2013 | बीजेपी | कैलाश चंद्र मेघवाल | बीजेपी |
नोट- राजस्थान के जयपुर जिले में भी शाहपुरा विधानसभा सीट है। इसकी विधानसभा संख्या 42 है। यह सीट सामान्य वर्ग के लिए है। यहां बीते दो विधानसभा चुनावों में बीजेपी के राव राजेंद्र सिंह ही चुनाव जीतते आ रहे हैं।
प्रदेश की हवा भांप जाते हैं शाहपुरा के लोग
ऐसा माना जाता है यह सीट प्रदेश की हवा का रुख समझ लेती है। अपने साठ सालों के इतिहास में इस विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कभी ऐसी पार्टी को वोट नहीं दिया जो जीत ना रही हो। इसलि इस सीट पर राजस्थान की दोनों ही प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने दमखम झोंकना अभी से शुरू कर दिया है।
भीलवाड़ा की शाहपुरा सीट के मतदाता
भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र की संख्या 181 है। साल 2011 की जनगणना में यहां की जनसंख्या 330734 बताई गई। इसका 90.83 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 9.17 प्रतिशत हिस्सा शहरी है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर अनुसूचित जाति के लोगों की आबादी 19.65 फीसद है। जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 8.54 फीसदी है।
मतदाता सूची की बात करें तो साल 2017 की वोटर लिस्ट में कुल मतदाता 216338 थे। विधानसभा क्षेत्र 268 पोलिंग बूथ हैं। विधानसभा चुनाव 2013 में यहां 75.14 फीसदी वोटिंग हुई थी।