लाइव न्यूज़ :

राजस्थान चुनावः PM पद के लिए मायावती की उम्मीदवारी की अग्निपरीक्षा है ये चुनाव?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: November 21, 2018 15:53 IST

यह लगभग तय है कि लोकसभा चुनाव के बाद किसी विषम राजनीतिक परिस्थिति में भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर क्षेत्रीय दल का कोई नेता पीएम पद की दावेदारी के लिए आगे आया तो पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के अलावा यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम प्रमुख है।

Open in App

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में राजस्थान विस का चुनाव कई कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है। वर्ष 2013 में यहीं से कांग्रेस को हराकर भाजपा ने जीत की नई कहानी लिखनी शुरू की थी, जब विस चुनाव में शानदार कामयाबी के बाद लोकसभा चुनाव- 2014 राजस्थान की 25 में से 25 सीटें भाजपा ने जीत लीं थी।

सवाल यह है कि- क्या यहीं से कांग्रेस भी अपनी कामयाबी की नई कहानी लिखना शुरू कर पाएगी? राजनीतिक जानकार इसीलिए इस चुनाव को विस चुनाव से ज्यादा पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच शक्ति परीक्षण के तौर पर देख रहे हैं। लेकिन, इस बीच खास चर्चा यह भी है कि ये विस चुनाव पीएम पद के लिए मायावती की उम्मीदवारी की भी अग्निपरीक्षा हैं।

यह लगभग तय है कि लोकसभा चुनाव के बाद किसी विषम राजनीतिक परिस्थिति में भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर क्षेत्रीय दल का कोई नेता पीएम पद की दावेदारी के लिए आगे आया तो पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के अलावा यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम प्रमुख है। परन्तु, भाजपा और कांग्रेस के अलावा कोई ऐसा सियासी दल नहीं है जो पचास सीटों का भी आंकड़ा अकेले दम पर पार कर सके। 

बसपा के लिए यूपी में संभावनाएं बन रहीं हैं, किन्तु वहां अकेले बसपा जीत नहीं सकती और गठबंधन में उसे अधिकतम चालीस सीटें ही मिल सकती हैं। यही वजह है कि इन विस चुनावों के बहाने मायावती इन राज्यों में बसपा का आधार बढ़ाने में लगी हैं।

इन चुनावों में कांग्रेस से बसपा का गठबंधन भी इसीलिए नहीं हो पाया कि बसपा, कांग्रेस से अपनी ताकत से ज्यादा सीटों की मांग कर रही थी, जबकि कांग्रेस अपने पक्ष के ऐसे सियासी माहौल के चलते इतनी अधिक सीटें बसपा के लिए कैसे छोड़ देती?

विस चुनावी इतिहास में बसपा की एकाधिक राज्यों में प्रभावी मौजूदगी तो रही है, किन्तु सीटों के मोर्चे पर कोई खास कामयाबी दर्ज नहीं है। जाहिर है, पीएम पद के लिए मायावती की दावेदारी तभी मजबूत हो पाएगी, जब बसपा कई राज्यों में अपना असर दिखा पाएगी।राजस्थान विस चुनाव के लिए बसपा ने 61 उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की थी, उसे मिला कर बसपा के कुल 78 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। मतलब, करीब चालीस प्रतिशत सीटों पर बसपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। 

मायावती का सियासी कद इसी पर निर्भर है कि इन विस चुनावों में बसपा कितनी सीटें जीतती है और कितने प्रतिशत वोट हांसिल कर पाती है?

टॅग्स :विधानसभा चुनावराजस्‍थान चुनावमायावतीबहुजन समाज पार्टी (बसपा)कांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारतबिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर शुरू हो गया है 'एकला चलो' की रणनीति पर गंभीर मंथन

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा के नाइट क्लब में भीषण आग, 25 लोगों की गई जान; जानें कैसे हुआ हादसा

भारतGoa Club Fire: नाइट क्लब अग्निकांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हुई, 4 पर्यटकों समेत 14 कर्मचारियों की मौत

भारतGoa Fire: गोवा नाइट क्लब आग मामले में पीएम ने सीएम सावंत से की बात, हालातों का लिया जायजा

भारतटीचर से लेकर बैंक तक पूरे देश में निकली 51,665 भर्तियां, 31 दिसंबर से पहले करें अप्लाई

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान