रायपुर, 28 अगस्त: झारखण्ड की राजधानी रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने मंगलवार (28 अगस्त) को भारतीय जनता पार्टी की सदस्या ले ली। चौधरी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली। चौधरी ने 25 अगस्त को कलेक्टर पद से इस्तीफा दिया था।
चौधरी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2005 बैच के अधिकारी थे। चौधरी को राज्य के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में शिक्षा में बदलाव लाने का श्रेय दिया जाता है।
चौधरी के इस्तीफे के बाद से ही आगामी छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में रायगढ़ जिले के प्रतिष्ठित खारसिया सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगायी जा रही थीं।
खरसिया विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के प्रमुख विधानसभा सीट में से एक है। यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और यहां से अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के कद्दावर नेता अर्जुन सिंह भी चुनाव लड़ चुके हैं।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों से पहले बस्तर के दरभा क्षेत्र में झिरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल खरसिया विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक हैं।
चौधरी का जातीय कनेक्शन
चौधरी राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग के अघरिया समुदाय से आते हैं। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल भी खरसिया समुदाय से आते हैं।
अघरिया पटेल को क्षेत्र में कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है। चौधरी के यहां से चुनाव लड़ने से कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लग सकती है।
चौधरी पिछले छह महीनों से रायगढ़ और खरसिया क्षेत्र में सक्रिय हैं। जिससे कयास लगाया जा रहा था कि वह यहां से चुनाव लड़ सकते हैं।
चौधरी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने उन्हें "आरएसएस का एजेंट" कहा था। कांग्रेस का आरोप है कि चौधरी ने अपनी सेवा के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन करते थे।
राज्य कांग्रेस के महासचिव शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया था कि चौधरी भाजपा के लिए काम करते थे।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)