हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जाने के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से धक्का-मुक्की की घटना पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कड़ा ऐतराज जताया है। राउत ने कहा कि राहुल गांधी से जैसा व्यवहार किया गया उसका कोई समर्थन नहीं कर सकता है।
संजय राउत ने कहा, 'राहुल गांधी राष्ट्रीय नेता है। हमारा कांग्रेस से अंतर रह सकता है लेकिन पुलिस के व्यवहार का कोई समर्थन नहीं कर सकता है। उनका कॉलर पकड़ा गया और उन्हें जमीन पर धक्का देकर गिराया गया। एक तरह से ये देश के लोकतंत्र पर गैंगरेप है।'
राउत ने साथ ही कहा, 'जो उनके साथ हुआ, उसका कोई समर्थन नहीं कर सकता। वह इंदिरा गांधी के पोते हैं। राजीव गांधी के बेटे हैं। मैं सेक्शन 144 को मानता हूं और वहां लॉ एंड ऑर्डर संभालने की स्थिति थी लेकिन जो हुआ उसका समर्थन नहीं किया जा सकता है।'
दरअसल, राहुल गांधी के साथ पुलिस की धक्का मुक्की गुरुवार को हुई जब कांग्रेस नेता दिल्ली से हाथरस के लिए निकले थे। उनके साथ प्रियंका गांधी और कई अन्य कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। कांग्रेस के काफिल को हालांकि पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे पर ही रोक लिया।
इसके बाद राहुल, प्रियंका और अन्य कार्यकर्ता पैदल ही हाथरस की ओर चल पड़े। इसी दौरान पुलिसे ने उन्हें धारा-144 लागू होने और महामारी फैले होने की बात कहकर रोकने की कोशिश की। बाद में राहुल गांधी को हिरासत में भी लिया गया। राहुल और प्रियंका गांधी को ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
खुद को रोके जाने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश में जंगल राज होने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा था, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दुख की घड़ी में अपनों को अकेला नहीं छोड़ा जाता। उप्र में जंगलराज का ये आलम है कि शोक में डूबे एक परिवार से मिलना भी सरकार को डरा देता है। इतना मत डरो, मुख्यमंत्री महोदय!’
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
बाद में उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल लाया गया, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर देश भर में जगह-जगह प्रदर्शन किये गये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने को कहा था।
राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिये बुधवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किया है। इसे सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस बीच यूपी पुलिस ने फॉरेंसिंक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि लड़की के साथ रेप नहीं हुआ था और गलत बातें फैलाई जा रही हैं।