कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रियंका गांधी नाम का मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए, उन्हें उत्तर प्रदेश-पूर्व की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राहुल गांधी बड़ा दांव खेलने के बाद गुरुवार को अमेठी पहुंचे। अपनी मां (सोनिया गांधी) की परंपरागत संसदीय सीट रायबरेली में राहुल गांधी ने बीजेपी पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका "चिह्न" हैं और कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव में उन्हें हराएगी।
रायबरेली में राहुल गांधी ने बहन प्रियंका गांधी के बारे में बात करते हुए कहा, महासचिव की औपचारिक जिम्मेदारी संभालते ही सबसे पहले प्रियंका गांधी रायबरेली आएंगी और स्थानीय लोगों की परेशानियां जानेंगी। राहुल गांधी ने कहा, प्रियंका का सबसे पहला काम यही है कि वह जैसे ही एक फरवरी से अपना कार्यभार संभाले, वह यहां के स्थानीय लोगों के बीच घूमकर वहां के लोगों का हालचाल लेंगी।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी अपनी मां के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी। सोनिया गांधी बीमारी के कारण रायबरेली में सक्रिय नहीं हैं। कुछ स्थानीय मीडिया रिपोर्ट ने इस बात का दावा भी किया था कि प्रियंका की सलाह से ही रायबरेली में कांग्रेस पदाधिकारियों की नियुक्तियां हुई थीं।
मीडिया गलियारों में इस बात की भी चर्चा तेज है कि प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस की गढ़ माने जाने वाली सीट रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं। खबर है कि सोनिया गांधी की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही है, जिसकी वजह से हो सकता है कि प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव 2019 में रायबरेली से लड़ सकती हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी नियुक्त किया गया महासचिव
प्रियंका गांधी की राजनीति में औपचारिक एंट्री को कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। इस क्षेत्र की कई सीटों पर कांग्रेस का अच्छा प्रभाव है। फूलपुर से पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू सांसद थे। इलाहाबाद, प्रतापगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर समेत कई जिलों कांग्रेस का अच्छा खासा प्रभाव है। राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी महासचिव नियुक्त किया है और उन्हें प्रभारी (उत्तर प्रदेश-पश्चिम) भी बनाया है।
आम चुनाव से पहले राज्य में पूरी तरह कमर कसके उतरने की कांग्रेस की मंशा के बीच प्रियंका की नियुक्ति से तत्काल राजनीतिक चर्चा शुरु हो गयी। कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने यह कहते हुए इस कदम का स्वागत किया कि वह पार्टी के लिए बहुत बड़ी सफलता होंगी जबकि भाजपा ने सक्रिय राजनीति में उनके उतरने को कांग्रेस द्वारा यह कबूल लेना बताया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी नेतृत्व देने में विफल हुए हैं।
मोदी सरकार पर जमकर बरसें राहुल गांधी
राहुल ने सलोन में आयोजित एक सभा में कहा कि भाजपा के लोग देश में धर्म, जाति और क्षेत्र के नाम पर नफरत फैला रहे हैं। वे कभी गुजरात से उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को निकलवाते हैं तो कहीं हिन्दू-मुसलमान को लड़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा ‘‘इस देश में नफरत से सिर्फ नुकसान हो सकता है। नफरत का मतलब नरेन्द्र मोदी हैं। नफरत की भावना का "चिह्न" हैं नरेन्द्र मोदी। हम 2019 में मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाने जा रहे हैं, इसे कोई रोक नहीं सकता।’’
राफेल विमान खरीद को देश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए उन्होंने कहा कि "हिन्दुस्तान के तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को भी इस खरीद समझौते के बारे में कुछ नहीं मालूम था। यानी बिना रक्षा मंत्रालय से पूछे अकेले नरेन्द्र मोदी ने यह समझौता कर डाला और 30 हजार करोड़ रुपये अनिल अम्बानी को दे दिये। जब सीबीआई निदेशक ने इसकी जांच करने को कहा तो रात के डेढ़ बजे उन्हें निकालने का आदेश जारी कर दिया।" (समाचार एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ)