राफेल विवाद में सरकार को क्लीन चिट मिलने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में इस केस को लेकर याचिका डाली है। पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने वकील प्रशांत भूषण के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट से राफेल केस पर अपने फैसले की समीक्षा करने का दोबार अनुरोध किया है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने राफेल मामले में 14 दिसंबर के फैसले पर उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। पुनर्विचार याचिका में आरोप लगाया गया है कि राफेल मामले पर फैसला केन्द्र की ओर से बिना हस्ताक्षर के उच्चतम न्यायालय को सौंपे गए नोट में किए गए ‘‘स्पष्ट तौर पर गलत दावों’’ पर आधारित है।
याचिकाकर्ताओं ने पुनर्विचार अर्जी के लिए ओपेन कोर्ट में मौखिक सुनवाई करने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है, 'राफेल पर हाल के फैसले में कई त्रुटियां हैं। यह फैसला सरकार द्वारा किए गए गलत दावों पर आधारित है, जो सरकार ने बिना हस्ताक्षर के सीलबंद लिफाफे में दिया था और इस तरह से स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है।'