Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने नियुक्त किए चार क्षेत्रीय पर्यवेक्षक, जानें कौन-कौन शामिल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 29, 2022 07:15 PM2022-01-29T19:15:56+5:302022-01-29T19:17:12+5:30

Punjab Election 2022: पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 10 मार्च को होगी।

Punjab Election 2022 Congress appoints 4 region-wise observers for Punjab polls sonia ganghi | Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने नियुक्त किए चार क्षेत्रीय पर्यवेक्षक, जानें कौन-कौन शामिल

कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, अकाली दल-बसपा गठबंधन और पंजाब लोक कांगेस-भाजपा गठबंधन चुनावी मैदान में हैं। 

Highlightsकांग्रेस के सामने आप, अकाली दल-बसपा गठबंधन और पंजाब लोक कांगेस-भाजपा गठबंधन है।मजीठा विधानसभा क्षेत्र छोड़ने की चुनौती दी।बिक्रम सिंह मजीठिया, मजीठा सीट के साथ-साथ अमृतसर पूर्व सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं।

Punjab Election 2022: कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए चार क्षेत्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, मालवा क्षेत्र के लिए संजय निरूपम और अर्जुन मोढवाडिया के तौर पर दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।

उत्तम कुमार रेड्डी को माझा क्षेत्र और सुखविंदर सिंह सुखू को दोआबा क्षेत्र का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। पंजाब में कांग्रेस एक बार फिर से चुनाव जीतने के लिए प्रयासरत है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, अकाली दल-बसपा गठबंधन और पंजाब लोक कांगेस-भाजपा गठबंधन चुनावी मैदान में हैं। 

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को अमृतसर पूर्व सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पटियाला छोड़ने और उनसे मुकाबला करने की चुनौती दी। सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को सिर्फ अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ने और मजीठा विधानसभा क्षेत्र छोड़ने की चुनौती दी।

बिक्रम सिंह मजीठिया, मजीठा सीट के साथ-साथ अमृतसर पूर्व सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जहां से सिद्धू फिर से चुनाव मैदान में हैं। अमृतसर पूर्व से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धू ने कहा, ‘‘यदि आप (मजीठिया) में इतनी कुव्वत है, और लोगों पर विश्वास है तो मजीठा को छोड़ कर केवल यहां एक सीट से चुनाव लड़ें। क्या आप में हिम्मत है?’’

पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की यह टिप्पणी कि वह सिद्धू को जीतने नहीं देंगे पर पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने उन्हें (अमरिंदर को) पटियाला छोड़ने और अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी। सिद्धू ने कहा, ‘‘अमृतसर आइए।’’ अमरिंदर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किये जाने और बाद में कांग्रेस छोड़ने के बाद पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अपनी नयी पार्टी का गठन किया और विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ किया है। वह पटियाला शहर सीट से चुनाव लड़ेंगे।

मजीठिया के दो सीट से चुनाव लड़ने पर सिद्धू ने कहा, "वे (शिअद) केवल लूट का खेल खेलने आए हैं। लेकिन इस 'धर्म युद्ध' में वे सफल नहीं होंगे क्योंकि जहां धर्म है वहां जीत है।’’ शिअद पर पंजाब को लूटने का आरोप लगाते हुए सिद्धू ने कहा, "यतो धर्मस्ततो जयः (जहां धर्म है वहां जीत है)।" सिद्धू ने 30 साल से भी पहले दिवंगत हो गई अपनी मां का जिक्र किये जाने को लेकर राजनीतिक विरोधियों पर भी प्रहार किया। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘वे इतने नीचे गिर गये हैं कि राजनीति करने के लिए मेरी मां का भी जिक्र कर दिया। मैं उनसे आरोप को साबित करने को कहता हूं।’’ उल्लेखनीय है कि सिद्धू की बड़ी बहन होने का दावा करने वाली सुमन तूर ने एक दिन पहले पंजाब कांग्रेस प्रमुख के खिलाफ कई आरोप लगाये थे, जिनमें यह आरोप भी शामिल था कि सिद्धू ने 1986 में उनके पिता का निधन हो जाने के बाद मां को अकेले छोड़ दिया था। हालांकि, कांग्रेस नेता की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू इस पर एक स्पष्टीकरण देने आगे आईं।

उन्होंने दावा किया कि सिद्धू के पिता ने उस महिला से शादी की थी जिनके अपने पूर्व के विवाह से दो बेटियां थी। उन्होंने कहा, ‘‘ये दोनों बेटियां (तूर और उनकी बहन) अपनी मां के तलाक लेने के बाद उनके साथ घर छोड़ कर चली गई थीं जब सिद्धू सात साल के थे।’’

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