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पंजाब CM पीएम मोदी को लिखा पत्र, गुरु नानक महल में तोड़फोड़ को लेकर जांच के लिए किया अनुरोध

By स्वाति सिंह | Updated: May 29, 2019 14:43 IST

बीते दिनों पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुछ स्थानीय लोगों ने औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से सदियों पुराने ‘गुरु नानक महल’ का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया और उसकी कीमती खिड़कियां एवं दरवाजे बेच दिए।

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ठळक मुद्देपंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुछ स्थानीय लोगों ने औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से सदियों पुराने ‘गुरु नानक महल’ का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पाकिस्तान के नरोवाल में सदियों पुराने गुरु नानक पैलेस को नष्ट करने की पूरी जांच करने  के लिए अनुरोध किया है।

बीते दिनों पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुछ स्थानीय लोगों ने औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से सदियों पुराने ‘गुरु नानक महल’ का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया और उसकी कीमती खिड़कियां एवं दरवाजे बेच दिए। 'डॉन' समाचार पत्र की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। 

रिपोर्ट के अनुसार इस चार मंजिला इमारत की दीवारों पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के अलावा हिंदू शासकों और राजकुमारों की तस्वीरें थीं। रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि ‘बाबा गुरु नानक महल’ चार सदी पहले बनाया गया था और इसमें भारत समेत दुनियाभर से सिख आया करते हैं। 

इसमें बताया गया है कि प्रांतीय राजधानी लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर नारोवाल शहर में बने इस महल में 16 कमरे थे और हर कमरे में कम से कम तीन नाजुक दरवाजे और कम से कम चार रोशनदान थे। 

रिपोर्ट में बताया गया था कि औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से स्थानीय लोगों के एक समूह ने महल को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान भी बेच दिए। 

प्राधिकारियों को इस महल के 'मालिक'  के बारे में कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम ने कहा, 'इस पुरानी इमारत को बाबा गुरु नानक महल कहा जाता है और हमने उसे महलां नाम दिया है। भारत समेत दुनियाभर से सिख यहां आया करते थे।' 

एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ ने कहा था 'औकाफ विभाग को इस बारे में बताया गया कि कुछ प्रभावशाली लोग इमारत में तोड़ फोड़ कर रहे हैं लेकिन किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई यहां पहुंचा।'

समाचार पत्र ने कहा कि उसने इवेक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के उपायुक्त से लेकर इमारत में रहने वाले परिवार तक कई लोगों से बात करने की कोशिश की ताकि यह पता लगाया जा सके कि इमारत की कानूनी स्थिति क्या है, इसका मालिक कौन है और कौन सी सरकारी एजेंसी इसका रिकॉर्ड रखती है, लेकिन समाचार पत्र को कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

 इलाके के लोगों ने प्रधानमंत्री इमरान खान से तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

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