नई दिल्लीः दिल्ली में पंजाब के आप विधायकों की पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक हुई। बैठक खत्म होने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस के आप विधायकों के उसके संपर्क में होने के दावे पर कहा कि मैं प्रताप सिंह बाजवा से पूछूंगा कि दिल्ली में उनके कितने विधायक हैं। पंजाब की कानून-व्यवस्था ज्यादातर राज्यों से बेहतर है। सीमावर्ती राज्य होने के ।कारण हमें अतिरिक्त प्रयास करने होंगे और हम ऐसा कर रहे हैं। वे पहले भी यह कहते रहे हैं, उन्हें यह कहने दीजिए। पाला बदलना कांग्रेस की संस्कृति है। वे दूसरों के बारे में बात करते हैं, चिंता नहीं करते हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक कदम आगे बढ़कर दावा किया, ‘‘पंजाब में 30 से अधिक आप विधायक हमारे संपर्क में हैं।’’ हालांकि, आप नेताओं ने इन दावों को खारिज कर दिया। आप सांसद मलविंदर सिंह कंग ने बाजवा की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘बाजवा साहब असंभव सपने देख रहे हैं - बिल्कुल ‘मुंगेरीलाल के सपने’ की तरह, जो कभी पूरे नहीं होंगे।
यहां तक कि उनके अपने भाई भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।’’ कंग ने आप के भीतर असंतोष की अटकलों को तवज्जो नहीं देते हुए केजरीवाल की पंजाब के विधायकों के साथ बैठक को ‘नियमित रणनीति बैठक’ बताया। आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई में असंतोष की अफवाहों के बीच पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की। पार्टी नेताओं के अनुसार, चर्चा हाल में हुए दिल्ली चुनाव में आप के प्रदर्शन की समीक्षा और 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव की योजना बनाने पर केंद्रित रहा।
बैठक में पंजाब से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा और संदीप पाठक समेत वरिष्ठ नेता भी शामिल हो रहे। पंजाब के संगरूर से विधायक नरिंदर कौर ने अंदरूनी असंतोष की खबरों को खारिज करते हुए इसे एक नियमित बैठक बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हम दिल्ली में लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं और एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। पंजाब और दिल्ली दोनों जगहों पर ऐसी बैठकें पहले भी हो चुकी हैं।’’
कौर ने आप में असंतोष का आरोप लगाने के लिए कांग्रेस की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को इस बात पर विचार करना चाहिए कि इतने साल तक शासन करने वाली उनकी पार्टी को दिल्ली में एक भी सीट क्यों नहीं मिली। हम अपनी पार्टी को अपने दम पर संभाल सकते हैं।’’ अटकलें भी हैं कि केजरीवाल पंजाब की राजनीति में भूमिका निभा सकते हैं, लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है।