पुलवामा हमला: पोंगल मनाकर पांच दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे शहीद सुब्रमण्यम
By भाषा | Published: February 15, 2019 07:02 PM2019-02-15T19:02:43+5:302019-02-15T19:02:43+5:30
सुब्रमण्यम 2014 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे और वह जम्मू कश्मीर जाने से पहले उत्तर प्रदेश और चेन्नई में तैनात रह चुके थे। उनकी 2017 में शादी हुई थी।
जी. सुब्रमण्यम परिवार के साथ पोंगल मनाने के लिए अपने पैतृक गांव आए थे और महज पांच दिन पहले ही परिवार के लोगों को विदा कहकर ड्यूटी पर लौटे थे। परिवार में किसी को भी कोई इल्हाम नहीं था कि महज पांच दिन बाद ही बेटे के चले जाने का दुखद समाचार उन्हें मिलेगा। जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले में मारे गए सीआरपीएफ जवानों में से एक जी. सुब्रमण्यम तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में अपने पैतृक गांव में अपने परिवार के साथ पोंगल मनाने आए थे।
उनकी मौत की खबर से परिवार वाले सदमे में है। युवा जवान ने अपनी पत्नी कृष्णावेनी से आखिरी बार हमले के दिन बृहस्पतिवार को सुबह ही बात की थी। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमले में 40 जवानों की मौत हो गई।
उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया कि सवालापेरी के रहने वाले सुब्रमण्यम 2014 में सीआरपीएफ में शामिल हुए थे और वह जम्मू कश्मीर जाने से पहले उत्तर प्रदेश और चेन्नई में तैनात रह चुके थे। उनकी 2017 में शादी हुई थी। उन्होंने बताया कि सुब्रमण्यम पोंगल उत्सव के लिए पिछले महीने लंबी छुट्टी पर घर आए थे और वह 10 फरवरी को ही लौटे थे। उनके अलावा राज्य में अरियालुर जिले केसी शिवचंद्रन भी हमले में शहीद हो गए।
चेन्नई में मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को राज्य के दोनों सीआरपीएफ जवानों के परिवार को 20-20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन हमलावर के वीभत्स हमले की निंदा की। एक विज्ञप्ति में पलानीस्वामी ने कहा कि वह यह जानकर दुखी है कि 40 शहीदों में से दो तमिलनाडु के थे।
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भी हमले की निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं बहुत दुखी हूं और अवंतिपुरा में सीआरपीएफ जवानों पर कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं। द्रमुक सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं जताते हुए देश की सेवा में लगे सुरक्षा कर्मियों के साथ मजबूती से खड़ी है।’’