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जामिया के प्रोफेसर एस एम अख्तर डिजाइन करेंगे अयोध्या की मस्ज‍िद, बताया पूरा प्लान

By भाषा | Updated: September 2, 2020 07:56 IST

अयोध्या में पांच एकड़ भूखंड पर मस्जिद के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ काम की देखरेख करेगा।

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ठळक मुद्दे प्रोफेसर एस एम अख्तर ने कहा- इस परिसर का उद्देश्य मानवता की सेवा करना होगा। प्रोफेसर एस एम अख्तर ने कहा- प्रयास किया जाएगा कि समाज की सेवा के लिए सभी को एक साथ लाया जाए।

नई दिल्ली: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन तैयार करने का जिम्मा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर एस एम अख्तर को सौंपा गया है। अख्तर ने कहा कि पूरा परिसर ‘‘भारत के लोकाचार और इस्लाम की भावना को एक साथ लाएगा।” अख्तर ने कहा कि उन्हें हाल ही में परिसर का डिजाइन तैयार करने का काम दिया गया था जिसमें भारत-इस्लामी शोध केंद्र, एक पुस्तकालय और एक अस्पताल भी होगा।

उन्होंने कहा कि वह बहुत जल्द ही परियोजना पर काम शुरू कर देंगे। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ यह किसी एक मस्जिद का डिजाइन तैयार करने का सवाल नहीं है। सरकार द्वारा दी गई भूमि पर परिसर तैयार होगा। इस परिसर का उद्देश्य मानवता की सेवा करना होगा।

इसका मूल उद्देश्य भारत के लोकाचार और इस्लाम की भावना को एक साथ लाना होगा।’’ उन्होंने कहा, "इस्लाम या किसी अन्य धर्म का दर्शन मानवता की सेवा है और यह प्राथमिक उद्देश्य होगा...। प्रयास किया जाएगा कि समाज की सेवा के लिए सभी को एक साथ लाया जाए।’’

अयोध्या में पांच एकड़ भूखंड पर मस्जिद के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ काम की देखरेख करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ भूखंड आवंटित किया है।

जामिया मिलिया इस्लामिया में आर्किटेक्ट विभाग के प्रमुख अख्तर ने कहा, "1,000 से अधिक आर्किटेक्ट मेरे छात्र रहे हैं और वे दुनिया भर में फैले हुए हैं। वे मेरे साथ सहयोग कर सकते हैं। इस परियोजना पर काम करने का विकल्प मेरे वर्तमान छात्रों के लिए भी खुला रहेगा क्योंकि यह उनके लिए सीखने का अनुभव होगा।” अख्तर ने विश्वविद्यालय के कंप्यूटर केद्र, उसके अस्पताल और यहां तक ​​कि वास्तुकला भवन का भी डिजाइन तैयार किया है। उन्होंने स्थानीय क्षेत्र की योजनाओं के सिलसिले में दिल्ली सरकार के साथ भी काम किया है।

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