कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवार वालों को उनसे मिलने से रोकने पर नाराजगी जाहिर करते हुए शनिवार को कहा कि वे बहुत कष्ट में यहां आये हैं, कम से कम उन्हें मिलने तो दिया जाए।
प्रियंका ने यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मिलने आए पीड़ित परिवार के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, ''इनको आने दिया है बाकी 15 लोग हैं, पीड़ित परिवार के सदस्य हैं, जिनसे मैं मिलने आयी थी उन्हें गेट पर रोका जा रहा है। इसलिए मैं वहां जा रही हूं ... मुझे रोका जा रहा है। मैं कह रही हूं कि उन्हें आने दीजिए। इतने कष्ट में आये हैं। कम से कम मेरे से मिलने तो दीजिए।''
उन्होंने कहा, ''इनके साथ इतना बड़ा हादसा हुआ है, नरसंहार हुआ है, लोगों की हत्या की गयी है, उनके परिवार के सदस्यों की हत्या हुई है और इनको रोका जा रहा है। तमाम कार्यकर्ताओं को मिलने दिया जा रहा है और उनको रोका जा रहा है ।''
प्रियंका से मिलने आये कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्हें प्रियंका से मिलने से रोका गया। पीड़ित परिवारों के कुछ सदस्यों ने प्रियंका से मिर्जापुर स्थित चुनार गेस्ट हाउस में मुलाकात की। प्रियंका को स्थानीय प्रशासन ने हिरासत में ले लिया था और उन्होंने रात गेस्ट हाउस में ही गुजारी।
पीड़ित परिवारों के 12 सदस्यों ने गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी से मुलाकात कीं
पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय राय ने बताया कि पीड़ित परिवारों के 12 सदस्यों ने गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी से मुलाकात की। प्रियंका शोकाकुल पीड़ित परिवार वालों के आंसू पोंछते और पानी पिलाते देखी गईं। वह लगातार उन्हें सांत्वना दे रही थीं।
चुनार गेस्ट हाउस में रोके जाने के दौरान उन्होंने सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों से मिले बिना वापस लौटने के स्थानीय प्रशासन के अनुरोध को ठुकरा दिया। प्रियंका और अधिकारियों के बीच रात करीब 12:00 बजे से 1:15 बजे तक चली दूसरे दौर की बातचीत भी नाकाम रही और प्रियंका एवं उनके सैकड़ों समर्थक चुनार गेस्ट हाउस में ही डटे रहे।
प्रियंका ने देर रात एक के बाद कई ट्वीट कर कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक बृजभूषण, वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और पुलिस उप महानिरीक्षक को मुझसे यह कहने के लिए भेजा कि मैं यहां पीड़ितों से मिले बगैर वापस चली जाऊं। ना मुझे हिरासत में रखने का आधार बताया गया है और ना ही कोई कागज दिए गए।”
मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ्तारी हर तरह से गैरकानूनी है
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ्तारी हर तरह से गैरकानूनी है। मैंने स्पष्ट कर दिया है कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आई हूं। मैंने सरकार के दूतों से कहा है कि मैं उनसे मिले बगैर वापस नहीं जाऊंगी।
प्रियंका ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है जिसमें वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी रात करीब 1:15 बजे उनसे बैठक बेनतीजा खत्म होने के बाद वापस जाते दिख रहे हैं। प्रियंका और अन्य समर्थकों के साथ चुनार गेस्ट हाउस में मौजूद कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने बताया कि सरकार बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करके उन्हें गेस्ट हाउस छोड़ने पर मजबूर कर रही है लेकिन उनके कदम पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने बताया कि पूरी रात बिजली नहीं आई। इस दौरान प्रियंका सुबह करीब 4:30 बजे तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठी रहीं। सरकार ने गेस्ट हाउस में जलपान का कोई इंतजाम नहीं किया। स्थानीय नागरिक और पार्टी कार्यकर्ता ही कुछ प्रबंध कर रहे हैं।
मालूम हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सोनभद्र में हुए सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जाने के दौरान शुक्रवार को मिर्जापुर के अदलहाट क्षेत्र में प्रशासन ने रोक कर अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत हिरासत में ले लिया था।
बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस लाया गया था । प्रशासन के आला अधिकारियों ने उन्हें सोनभद्र में दफा 144 लागू होने की बात कहते हुए वापस लौट जाने को कहा मगर प्रियंका ने उन्हें जवाब दिया कि वह अकेली ही सोनभद्र जाकर पीड़ितों से मिलने को तैयार हैं। ऐसे में निषेधाज्ञा का तनिक भी उल्लंघन नहीं होगा। उन्होंने साफ कहा कि वह उनसे मिले बगैर वापस नहीं जाएंगी।