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कोविड टीकाकरण में स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मियों को प्राथमिकता : सरकार

By भाषा | Updated: July 1, 2021 19:18 IST

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नयी दिल्ली, एक जुलाई सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसका टीकाकरण कार्यक्रम स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चों (फ्रंटलाइन) पर कार्यरत कर्मियों के साथ सबसे संवेदनशील वर्गों की रक्षा कर देश की स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने को प्राथमिकता देता है। इसके साथ ही सरकार ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें कथित तौर पर टीकाकरण रणनीति में बुजुर्गों और असुरक्षित / संवेदनशील वर्गों को छोड़ने और ‘ अमीरों को तरजीह’ देने का आरोप लगाया गया था।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम वैज्ञानिक और महामारी विज्ञान से जुड़े सबूतों, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों और दुनिया की सबसे बेहतरीन परिपाटी के आधार पर तैयार किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय टीकाकरण के हर पहलू की व्यवस्थित योजना बनाई गई है और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभावी एवं कुशल योगदान से इसे लागू किया जा रहा है। बयान में कहा गया कि सरकार की कार्यक्रम के प्रति प्रतिबद्धता शुरुआत से ही अटूट और सक्रिय है।

बयान में कहा गया कि मीडिया में कुछ खबरें आई हैं जिनमें आरोप लगाया गया है कि देश की टीकाकरण रणनीति में ‘‘ बुजुर्गों और असुरक्षित आबादी को नजरअंदाज किया जा रहा है।’’ इसमें आगे दावा किया गया है कि नीति ‘‘अमीरों को विशेषाधिकार देती है।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम वैज्ञानिक और महामारी विज्ञान के सबूतों पर आधारित है, यह पेशेवरों, स्वास्थ्य एवं अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों की रक्षा कर देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने को प्राथमिकता देता हैं, इसके साथ ही आबादी के सबसे असुरक्षित समूह की रक्षा करता है।’’

बयान में कहा गया, ‘‘ इस रणनीति के सकारात्मक नतीजे आए हैं और अबतक पंजीकृत 87.4 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। इसी प्रकार पंजीकृत अग्रिम मोर्चे के करीब 90.8 प्रतिशत कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई है। इस प्रकार कोविड-19 की दूसरी लहर में इस समूह की रक्षा की गई जो स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने, निगरानी और संक्रमण के कार्यों को रोकने में शामिल रहे।’’

मंत्रालय ने कहा कि अबतक 45 साल से अधिक उम्र के करीब 45.1 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। 60 साल से अधिक उम्र के बड़े 49.35 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है।

बयान में कहा गया कि 21 जून को लागू संशोधित टीकाकरण नीति में टीका उत्पादकों और नए टीके विकसित करने वाले को प्रोत्साहित करने का प्रावधान है। घरेलू उत्पादकों को सीधे निजी अस्पतालों को टीका मुहैया कराने की अनुमति दी गई है। हालांकि, इसकी सीमा मासिक उत्पादन का 25 प्रतिशत रखी गयी है।

मंत्रालय ने कहा कि आय सीमा से परे सभी नागरिक भारत सरकार की योजना के तहत मुफ्त टीके के लिए योग्य हैं और जिनकी क्षमता भुगतान की है उन्हें निजी अस्पतालों के टीकाकरण केंद्र के लिए प्रोस्ताहित किया जा रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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