'एक जनपद—एक गंतव्य': उत्तर प्रदेश में हर जिले को इको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी
By भाषा | Published: September 15, 2019 02:34 PM2019-09-15T14:34:33+5:302019-09-15T14:34:33+5:30
कल्पना अवस्थी का कहना है कि 'एक जनपद-एक गंतव्य' योजना के तहत हर जिले को 'इको पर्यटन स्थल' के रूप में विकसित किया जाएगा ।
उत्तर प्रदेश को पर्यावरण प्रेमी पर्यटकों की पहली पसंद बनाने के इरादे से हर क्षेत्र की विशेषता के अनुरूप उपयुक्त प्राकृतिक पर्यटन स्थल विकसित करके 'एक जनपद—एक गंतव्य' योजना के तहत हर जिले को 'इको पर्यटन स्थल' का रूप देने की तैयारी है । प्रमुख सचिव :पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन: कल्पना अवस्थी का कहना है कि 'एक जनपद-एक गंतव्य' योजना के तहत हर जिले को 'इको पर्यटन स्थल' के रूप में विकसित किया जाएगा ।
राज्य सरकार ने पर्यटकों के लिए आकर्षक एवं प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर वेटलैण्डस, पक्षी विहार और वन्यजीव विहार जैसे स्थानों के चयन के निर्देश दिये हैं । पर्यावरणविद डा. संतोष पाण्डेय ने 'भाषा' को बताया , ''एक जनपद, एक गंतव्य, एक महत्वाकांक्षी योजना साबित होगी क्योंकि इको पर्यटन स्थल ही आने वाले समय के पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बनेंगे ।'' उन्होंने बताया कि कृषि विश्वविद्यालयों, रक्षा एवं रेलवे सहित केन्द्र सरकार के विभागों के पास उपलब्ध भूमि पर वृक्षारोपण की दिशा में जरूरी कदम उठाने के निर्देश राज्य सरकार ने दिये हैं।
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने 2020-21 में 25 करोड़ पौधरोपण की रणनीति तैयार करने के सिलसिले में हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि किसानों की भूमि पर पौधशालाओं की स्थापना के लिए किसानों के साथ लीज समझौता किया जाये । उन्होंने प्रदेश में इको पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से प्रदूषण रहित वाहनों के प्रयोग के साथ ही पर्यटकों की निजता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया ।
चौहान ने कहा कि इको पर्यटन के दृष्टिगत चूका पिकनिक स्पॉट पर शारदा नदी में बोट सफारी की व्यवस्था करने पर विचार किया जा सकता है। वन्यजीव प्रेमी जितेन्द्र सिन्हा ने इको पर्यटन को लेकर राज्य सरकार की ओर से व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि विशेष तौर पर स्कूली बच्चों को इको पर्यटन के महत्व के बारे में समझाने की दृष्टि से कार्यशालाओं का आयोजन किया जा सकता है । फेसबुक और टि्वटर जैसे सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए भी इसका व्यापक प्रचार किया जा सकता है।