कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे देशवासियों को जल्द ही वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी। क्योंकि देश में एक नहीं बल्कि दो वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अनुमति मिल गई है। पहली ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन 'कोविशील्ड' और दूसरी स्वदेशी भारत बायोटेक द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन 'कोवैक्सीन'।
ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर देश के हर आदमी तक सुरक्षित तरीके से कोरोना की वैक्सीन कब और कैसे पहुंचेगी? इसे लेकर सरकार ने कमर कस ली है। वैक्सीनेशन यानी टीकाकरण को लेकर क्या है मोदी सरकार का प्लान और कब तक आम आदमी तक पहुंचेगी वैक्सीन, इस खबर के जरिये आपको विस्तार से बताएंगे बताएंगे..
टीकाकरण के लिए सरकार की तैयारी
आमा आदमी तक टीका पहुंचाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार चुनावी प्रक्रिया के तहत योजना बना रही। मतलब जिस तरीके से चुनाव करवाये जाते हैं, ठीक उसी प्रकार से सरकार अपनी तैयारी करीब-करीब पूरी कर ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें वैक्सीनेशन के लिए चुनाव प्रक्रिया के आधार पर बूथ स्तर तक के लिए तैयारी की है। 719 जिलों के करीब 57,000 प्रतिभागियों ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। अबतक कुल 96,000 वैक्सिनेटर्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
करीब 20 मंत्रालय और 23 विभाग निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में कोरोना वैक्सीन के रोल-आउट में स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा करीब 20 मंत्रालय और 23 विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ये विभाग नक्सल प्रभावित इलाकों में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता से लेकर टीकाकरण केंद्रों पर भीड़ को संभालने तक पूरी तरह जिम्मेदारी संभालेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक Co-WIN नाम के डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लाभार्थियों को ट्रैक किया जाएगा। इस प्लेटफॉर्म पर सभी जानकारी रियल टाइम में अपडेट की जाएंगी। वैक्सीनेशन साइट पर सिर्फ उन्हीं लोगों को टीका लगाया जाएगा जो प्राथमिकता के आधार पर पहले ही रजिस्टर्ड होंगे।
आपको कैसे मिलेगी कोरोना वायरस की वैक्सीन
भारत सरकार का पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीके लगेंगे। इसके लिए आपको को-विन मोबाइल ऐप पर पंजीकरण करना होगा। चलिए जानते हैं कि आपको कोरोना वैक्सीन लेने के लिए क्या करना होगा।
कैसे पता चलेगा कि कोई व्यक्ति टीकाकरण के योग्य है या नहीं?
पहले चरण में स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों और फ्रंटलाइन श्रमिकों को टीके लगेंगे। सरकार ने कहा कि टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को भी टीका मिल सकता है। लाभार्थियों को टीकाकरण के समय और स्थान के बारे में उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
वैक्सीन के लिए बनाए जाएंगे बूथ
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक टीकाकरण के लिए वैक्सीनेशन बूथ होंगे और हर वैक्सीनेशन बूथ पर 3 कमरें होंगे।
1. वेटिंग रूम या एरिया2. वैक्सीनेशन रूम3. ऑब्जर्वेशन रूम
जिसमें ऑब्जर्वेशन रूम वो जगह होगी जहां टीका लगवाने के बाद लाभार्थी को 30 मिनट इंतजार करना होगा। इस कमरे में पीने के पानी और टॉयलेट की सुविधा भी रहेगी। टीकाकरण यानी वैक्सीनेशन के बाद 30 मिनट निगरानी में रहना होगा, जिससे देखा जा सके कि कोई प्रभाव तो नहीं पड़ा।
कोरोना वैक्सीन पर आज बड़ा ऐलान संभव
इसी के साथ भारत में अगले कुछ दिनों में कोविड-19 का पहला टीका आने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी शनिवार को यह पुष्टि की कि सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत में कोविशील्ड के सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को अनुमति देने की सिफारिश की है, जो कई नियामक शर्तों के अधीन है। बता दें कि एक्सपर्ट कमेटी ने DCGI के पास भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' वैक्सीन को अनुमति देने की सिफारिश की है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को लेकर DCGI रविवार सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा ऐलान कर सकता है।