बेतियाः बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने मौन तोड़ते हुए एनडीए सरकार गंभीर आरोप लगाया है। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि सरकार ने 10-10 हजार रुपए देकर वोट खरीदे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से वोट खरीदे गए। पीके ने चेतावनी दी कि अगर 6 महीने के अंदर महिलाओं के खाते में 2-2 लाख रुपए नहीं गए, तो मैं एक-एक मंत्री और अफसर का घेराव करूंगा। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि अगले 5 साल में जो भी कमाऊंगा, उसका 90 फीसदी पैसा जन सुराज में लगाऊंगा। पीके ने साथ ही यह भी ऐलान किया कि पिछले 20 साल में जो संपत्ति अर्जित की है, दिल्ली वाला घर छोड़कर बाकी सब जन सुराज को दान कर रहा हूं।
पीके ने जन सुराज अभियान को आगे बढ़ाने के लिए जनता से आर्थिक मदद मांगी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति से मैं साल में एक हजार रुपए मांग रहा हूं, चाहे तो इससे ज्यादा भी दे सकते हैं। पीके ने यह भी कहा कि यदि कोई इस अभियान से नहीं जुड़ेगा और 1 हजार रुपए नहीं देगा तो फिर मैं उससे नहीं मिलूंगा। उन्होंने साफ कहा कि जो लोग मदद नहीं करेंगे, उनसे वे नहीं मिलेंगे।
पीके ने कहा कि गांधी जी की प्रेरणा से फिर अभियान शुरू करेंगे। पीके ने बताया कि 15 जनवरी से बिहार के सभी 1 लाख 18 हजार वार्ड, 550 प्रखंड में जाएंगे और 'बिहार नवनिर्माण संकल्प अभियान' के तहत लोगों से संवाद करेंगे और सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा कराएंगे। उन्होंने कहा कि अगले डेढ़ साल तक यह कार्यक्रम चलेगा।
जिन जिन लोगों को 10 हजार रुपया मिला है उनको 2 लाख रुपए दिलवाऊंगा। नवगठित नीतीश मंत्रिमंडल पर हमला बोलते हुए पीके ने कहा कि आपराधिक छवि वाले नेताओं को मंत्री बनाया गया है। ऐसे लोगों को मंत्री बनाया गया, जो पढ़े-लिखे तक नहीं हैं, सिर्फ इसलिए मंत्री बन गए क्योंकि उनके पिता मंत्री थे।
नीतीश मंत्रिमंडल, बिहार के घाव पर नमक लगाने जैसा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और मोदी ने बिहार की जनता को बता दिया कि हमने वोट खरीद लिया है, अब अपनी मर्जी चलाएंगे। उल्लेखनीय है कि चुनाव परिणाम आने के बाद प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम में 24 घंटे का मौन व्रत रखा।
जन सुराज की ओर से बताया गया कि यह कोई विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि हार की जिम्मेदारी स्वीकार करने के आत्ममंथन और जनता के संदेश को भीतर से समझने की उनकी कोशिश है। मौन व्रत के दौरान पीके पूरी रात धरना स्थल पर ही बैठे रहे और वहीं नींद लेते नजर आए।
बता दें कि बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली जन सुराज का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। पार्टी का एक भी उम्मीदवार नहीं जीता। लगभग 98 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। नतीजे आने के तीन दिन पीके ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हार की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए जनता से माफी मांगी थी और एक दिन के मौन-उपवास की घोषणा की थी।