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प्रशांत किशोर ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए केजरीवाल से मिलाया हाथ, बनाएंगे आम आदमी पार्टी के लिए चुनावी रणनीति

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: December 14, 2019 11:47 IST

Prashant Kishor: रणनीतिकार और जेडीयू नेता प्रशांत किशोर की कंपनी ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आप से मिलाया हाथ

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ठळक मुद्देप्रशांत किशोर ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आप से मिलाया हाथसीएबी के मुद्दे पर जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने पार्टी की खुले तौर पर की थी आलोचना

जेडीयू नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी से हाथ मिलाया है। 

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट करके प्रशांत किशोर की एजेंसी I-PAC के आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने की जानकारी दी। 

प्रशांत किशोर पहले भी कई पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम कर चुके हैं। उनकी एजेंसी इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमेटी (I-PAC) राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाती है। 

प्रशांत किशोर बना रहे हैं 2021 विधानसभा चुनावों के लिए ममता बनर्जी के लिए रणनीति

अभी प्रशांत किशोर की एजेंसी इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमिटी (I-PAC) तृणमूल कांग्रेस के लिए 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों अभियान के लिए रणनीति बनाने पर काम कर रही है।

प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी को साथ लाने का काम किया था ममता के भतीजे और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी ने। प्रशांत किशोर ममता को लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए रणनीति बनाने में मदद कर रहे हैं। 

प्रशांत किशोर ने हाल ही में आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के साथ कमाम करते हुए उनकी पार्टी को पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी के खिलाफ जोरदार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। 

नीतीश के साथ प्रशांत की सीएबी के मुददे पर अनबन!

जेडीयू के  उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सीएबी को समर्थन देने के मुद्दे पर पार्टी के रुख की सार्वजनिक तौर पर कड़ी आलोचना की थी।

इसके बाद उनके पार्टी प्रमुख और सीएम नीतीश कुमार के साथ भी अनबन की खबरें आ रही थीं। प्रशांत किशोर के शनिवार को नीतीश कुमार से मुलाकात करने की संभावना है।

प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन बिल की आलोचना करते हुए कहा था कि ये संविधान और जेडीयू के सिद्धांतों दोनों के खिलाफ है और पार्टी का इसका समर्थन करना निराशाजनक है।

प्रशांत किशोर ने सीएबी के बुधवार को संसद से पास होने के बाद इसकी आलोचना करते हुए शुक्रवार को ट्विटर पर लिथा था, 'अब न्यायपालिका से पहले 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा बचाने का जिम्मा है क्योंकि ये वो राज्य हैं जिन्हें अपने यहां इसे लागू करना है। तीन मुख्यमंत्रियों (बंगाल/केरल/पंजाब) ने सीएबी और एनआरसी को 'न' कह दिया है। अब दूसरे लोगों के लिए अपना रुख स्पष्ट करने का समय है।'

टॅग्स :प्रशांत किशोरअरविन्द केजरीवालआम आदमी पार्टीजेडीयूनीतीश कुमारनागरिकता संशोधन बिल 2019
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