पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से 10 लाख नौकरियों के मुद्दे को उठाया है और इसे लेकर तेजस्वी यादव को फिर से घेरा है। पत्रकारों द्वारा बिहार में नौकरियों के सवाल पर जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा है कि लोग उनसे कहते है कि आप केवल तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियों की बात करते है लेकिन पीएम मोदी ने जो नौकरियों का वादा किया है, उस पर आप कुछ नहीं बोलते है।
इस पर उन्होंने कहा है कि मैं सबकी बात कर रहा हूं, यहां तक की मैं अपनी भी बात कह रहा है। उन्होंने साफ किया है कि अगर मैं भी आपसे नौकरी देने का वादा करता हूं तो मुझे इसके लिए पहले कोई कार्यक्रम देना होगा कि कैसे मैं आपको नौकरी दूंगा। उनके अनुसार, अगर मैं भी आपसे कह रहा हूं मैं यहां आकर आपको नौकरी दे दूंगा तो जब मैं उसका कोई कार्यक्रम ना दे दूं कि नौकरी कैसे दूंगा तब तक मैं भी आपको ठगूंगा। यही नहीं प्रशांत ने तेजस्वी यादव के परिवार को लेकर भी बयान दिया है।
क्या बोले प्रशांत किशोर
बिहार में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा और उनके द्वारा पूर्व में किए गए वादों पर बोला है। तेजस्वी यादव द्वारा बिहार में 10 लाख नौकरियां देने वाले बयान पर बोलते हुए प्रशांत ने कहा है कि "तेजस्वी यादव ने कहा था कि सत्ता में आते ही 10 लाख सरकारी नौकरी दे दूंगा। पहली कैबिनेट में ही दे दूंगा। वह बंगाल और कहां-कहां घूम रहे हैं, उनसे पूछिए की कैबिनेट की बैठक हो रही है या नहीं। अगस्त से आप कैबिनेट में बैठे हुए हैं।"
इस पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने आगे कहा है कि "यह तो सब जानता है कि जीवन उनका बीत जाएगा 10 लाख नौकरी वह नहीं दे सकते है। यही नहीं प्रशांत ने यह भी कहा है कि जो आदमी खुद अगर वो लालू यादव का लड़का न हो तो उसको नौकरी न मिले, वो क्या किसी दूसरे को नौकरी दे सकता है।"
...या तेजस्वी यादव कह दे कि यह एक चुनावी वादा था- प्रशांत किशोर
10 लाख नौकरियों पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने आगे कहा है कि "तेजस्वी यादव ने पहली कैबिनेट बैठक में ही 10 लाख नौकरियां देने की बात की थी…सब जानते हैं कि वह 10 लाख नौकरियां नहीं दे सकते. अगर तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव के बेटे नहीं होते तो उन्हें देश में क्या नौकरी मिलती?"
इस पर उन्होंने आगे कहा है कि "वह बंगाल, उत्तर प्रदेश ना जाने कहां-कहां घूम रहे हैं, उन्होने कहा था कि पहली केबिनेट के बाद 10 लाख नौकरियाँ देंगे, तो दें ना नौकरी, या कह दें कि भाई मैं नहीं दे सकता और यह सिर्फ एक चुनावी वादा था।"