प्रशांत भूषण की पुनर्विचार याचिका पर एक अलग याचिका का निबटारा होने के बाद सुनवाई होगी: न्यायालय

By भाषा | Updated: December 16, 2020 21:55 IST2020-12-16T21:55:22+5:302020-12-16T21:55:22+5:30

Prashant Bhushan's review petition will be heard after a separate petition is resolved: Court | प्रशांत भूषण की पुनर्विचार याचिका पर एक अलग याचिका का निबटारा होने के बाद सुनवाई होगी: न्यायालय

प्रशांत भूषण की पुनर्विचार याचिका पर एक अलग याचिका का निबटारा होने के बाद सुनवाई होगी: न्यायालय

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक्टिविस्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण का वह आवेदन स्वीकार कर लिया जिसमे उन्होंने अवमानना के अपराध में दोषी ठहराये जाने और इसके लिये दी गयी सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं पर उनकी इसी से संबंधित एक अन्य याचिका पर फैसले के बाद सुनवाई करने का अनुरोध किया गया था। भूषण ने अलग से दायर याचिका में इस तरह के मामलों में अपील के अधिकार का मुद्दा उठाया है।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ के समक्ष चैंबर में प्रशांत भूषण की पुनर्विचार याचिकायें आज सूचीबद्ध थीं।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस आवेदन में लिखित कारणों और न्याय के हित में यह अनुरोध स्वीकार किया जाता है। भूषण द्वारा अलग से दायर याचिका का निस्तारण होने के बाद ये पुनर्विचार याचिकायें सूचीबद्ध होंगी।’’

भूषण ने मंगलवार को न्यायालय में एक आवेदन दायर कर अनुरोध किया था कि अवमानना का दोषी ठहराने और सजा के आदेशों पर पुनर्विचार के लिये दायर उनकी दो याचिकाओं को उनके द्वारा अलग से दायर याचिका पर फैसला होने के बाद सूचीबद्ध की जायें।

शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के प्रति उनके 27 जून और 22 जुलाई के दो अपमानजनक ट्वीट को लेकर न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया था। न्यायालय ने कहा था कि इन ट्वीट के लिये यह नहीं कहा जा सकता कि ये जनहित में न्यायपालिका के कामकाज की निष्पक्ष आलोचना थी।

शीर्ष अदालत ने बाद में 31 अगस्त को प्रशांत भूषण को एक रुपए का सांकेतिक जुर्माना देने या तीन महीने की साधारण कैद और तीन साल के लिये किसी भी मामले में पेश होने से प्रतिबंधित करने की सजा सुनाई थी।

भूषण ने 14 सितंबर को जुर्माने की रकम न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा करा दी और एक अलग से याचिका दायर करके ऐसे मामले में अपील करने के अधिकार का मुद्दा उठाया था।

अधिवक्ता कामिनी जायसवाल के माध्यम से मंगलवार को दायर आवेदन में भूषण ने कहा है कि 12 सितंबर को अलग से दायर उनकी याचिका का इन पुनर्विचार याचिकाओं से सीधा संबंध है।

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