चुनाव आयोग की सराहना करने के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अब एक और बयान जारी कर कहा है कि वह ईवीएम की सुरक्षा को लेकर आ रही रिपोर्ट्स को लेकर चिंतित हैं। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि ईवीएम की सुरक्षा फिलहाल अभी चुनाव आयोग के हाथ में हैं और यह आयोग की जिम्मेदारी है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अटकलबाजी की कोई भी जगह नहीं बची रहनी चाहिए क्योंकि यही हमारे लोकतंत्र का आधार है। प्रणब मुखर्जी का ये बयान उस समय आया है जब देश भर में कई विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाये हैं।
प्रणब मुखर्जी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'मैं वोटर्स के फैसले से छेड़छाड़ की कथित कोशिशों की रिपोर्ट को लेकर चिंचित हूं। ईवीएम की जिम्मेदारी चुनाव आयोग के पास है। लोगों के फैसले को छुआ नहीं जाना चाहिए और बिना किसी संदेहे के इसकी रक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इस मामले में यह जिम्मेदारी चुनाव आयोग के पास है। उन्हें ऐसा करना चाहिए और सभी अटकलों को खत्म करना चाहिए।'
इससे पहले सोमवार को प्रणब मुखर्जी ने चुनाव आयोग के काम की सराहना की थी। प्रणब मुखर्जी ने एक कार्यक्रम में कहा, आप उनकी आलोचना नहीं कर सकते हैं, यही चुनाव का सही रवैया है। यदि लोकतंत्र सफल हुआ है, यह मुख्यत: सुकुमार सेन से लेकर मौजूदा चुनाव आयुक्तों द्वारा अच्छे से चुनाव संपन्न कराने के कारण है।'
बता दें कि ईवीएम में गड़बड़ी सहित इसकी सुरक्षा को लेकर कई पार्टियों सवाल उठा रही हैं। यूपी-बिहार में कुछ जगहों पर भी स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर बहस और झड़प देखने को मिली। बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के स्ट्रॉन्ग रूम में जहां आरजेडी ने ईवीएम बदलने की कोशिशों का आरोप लगाया है वहीं, यूपी के मऊ में पुलिस को बसपा समर्थकों पर भीड़ हटाने के लिए लाठीचार्च करना पड़ा। ईवीएम का मुद्दा सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है और 'ईवीएम हैकिंग' लगातार ट्रेंड में बना हुआ है।
इस बीच ईवीएम के मुद्दे पर मंगलवार को विपक्षी नेता चुनाव आयोग पहुंचे। दूसरी ओर चुनाव आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा के मुद्दे पर उठे रहे सवालों और आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उत्तर प्रदेश के सीईओ ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा 'आपके वोट सीसीटीवी कवरेज और निगरानी के तहत सील ईवीएम कमरों में सुरक्षित हैं। ईवीएम को बदलने की कोई संभावना नहीं है। इसके लिए आप घबराएं नहीं और विश्वास रखें।'