प्रमोद महाजन पुण्यतिथिः जिसे करते थे सबसे ज्यादा प्यार, उसी ने छलनी कर दिया सीना!

By आदित्य द्विवेदी | Published: May 3, 2018 12:35 PM2018-05-03T12:35:36+5:302018-05-03T12:35:36+5:30

प्रमोद महाजन को भारतीय जनता पार्टी का 'चाणक्य' कहा जाता था। वो अक्सर कहते थे, पेप्सी और प्रमोद महाजन कभी अपना फॉर्मूला नहीं बताते।

Pramod Mahajan death anniversary: Why his brother killed him | प्रमोद महाजन पुण्यतिथिः जिसे करते थे सबसे ज्यादा प्यार, उसी ने छलनी कर दिया सीना!

Pramod Mahajan

22 अप्रैल 2006 की साधारण सुबह थी। प्रमोद महाजन अपने आवास पर ही आराम कर रहे थे। तभी वहां उनके सगे भाई प्रवीण महाजन पहुंचे। प्रवीण को शिकायत थी कि प्रमोद उन्हें दरकिनार करते हैं। किसी बात को लेकर दोनों भाइयों में बहस शुरू हो गई। 15 मिनट के झगड़े के बाद प्रवीण ने अपने 0.32 ब्राउनिंग पिस्टल निकाली और प्रमोद महाजन पर ताबड़तोड़ चाल गोलियां चला दी। पहली गोली का निशाना चूक गया लेकिन बाकी की तीन गोलियां प्रमोद महाजन के शरीर को छलनी कर गई। आनन-फानन में प्रमोद को हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया। 13 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद 3 मई 2006 को उनकी मौत हो गई।

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प्रमोद महाजन भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता थे। वो दौर अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण अडवाणी का था। सांठ-गांठ में माहिर प्रमोद महाजन को बीजेपी का 'चाणक्य' माना जाता था।

वो अक्सर मजाक में कहते थे, 'पेप्सी और प्रमोद महाजन कभी अपना फॉर्मूला नहीं बताते।'

चुनाव दर चुनाव प्रमोद महाजन ने अपनी रणनीतिक कुशलता को साबित किया। 1997 में अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिनों की सरकार में वो रक्षामंत्री रहे। 1998 में प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे। उसके बाद उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी बना दिया गया। प्रमोद महाजन की राजनीतिक विरासत को उनकी बेटी पूनम महाजन संभाल रही हैं।

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प्रमोद महाजन की हत्या करने वाले उनके भाई प्रवीण महाजन को अपने कृत्य का उम्र भर पछतावा रहा। भाई को गोली मारने के बाद प्रवीण ने सरेंडर कर दिया। 18 दिसंबर 2007 को हत्या के जुर्म में प्रवीण को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जेल में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ। उन्हें इलाज के लिए पैरोल पर रिहा किया गया। प्रवीण की 3 मार्च 2010 को अस्पताल में मौत हो गई। एक इंटरव्यू में प्रवीण ने कहा,

'मैंने उन्हें नहीं मारा। वह बस 15 मिनट का झगड़ा था और एक पल के गुस्से में मैंने गोली चला दी। मैं आज तक उस दिन के लिए पछताता हूं। वो मुझे प्यार से चंदू कहकर बुलाते थे। वो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करते थे।"

Web Title: Pramod Mahajan death anniversary: Why his brother killed him

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