Prajwal Revanna Sex Scandal: प्रज्वल रेवन्ना से एसआईटी ने शुरू की पूछताछ, करा सकती है पोटेंसी टेस्ट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 31, 2024 11:34 IST2024-05-31T11:31:16+5:302024-05-31T11:34:19+5:30
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और सैकड़ों महिलाओं के यौन शोषण करने के आरोपी जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना से केस में गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पूछताछ शुरू कर दी है।

फाइल फोटो
बेंगलुरु: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और सैकड़ों महिलाओं के यौन शोषण करने के आरोपी जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना से केस में गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पूछताछ शुरू कर दी है। इससे पहले आज तड़के प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एसआईटी ने अपने हिरासत में ले लिया था।
एसआईटी जर्मनी से लौटे 33 साल के हासन से जेडीएस सांसद रेवन्ना को पूछताछ के लिए सीआईडी कार्यालय ले गई थी। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार सैकड़ों अश्लील वीडियो में महिलाओं के साथ आपत्तिजनक यौन शोषण करते हुए प्रज्वल रेवन्ना की जांच के लिए एसआईटी उनका पोटेंसी टेस्ट भी करा सकती है।
प्रज्वल रेवन्ना पिछले महीने अपनी पूर्व घरेलू सहायिका द्वारा उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराए जाने के तुरंत बाद विदेश चले गए थे। यह शिकायत चुनावी राज्य कर्नाटक में वीडियो प्रसारित होने के कुछ दिनों बाद आई थी।
प्रज्वल रेवन्ना न केवल पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते है बल्कि वो कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के भतीजे भी हैं। हसन सांसद रेवन्ना के पिता एचडी रेवन्ना को इसी महीने की शुरुआत में एक महिला के कथित अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो कथित तौर पर उनके बेटे के साथ एक वीडियो में दिखाई दे रही है। एचडी रेवन्ना फिलहाल जमानत पर बाहर है।
इस बीच कर्नाटक की एक विशेष अदालत आज प्रज्वल रेवन्ना और उनकी मां भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। प्रज्वल यौन शोषण के तीन मामलों में आरोपी हैं। इस बीच, उसकी मां ने अपहरण मामले में जमानत मांगी है। जानकारी के अनुसार रेवन्ना की मां इस मामले में आरोपी नहीं हैं लेकिन एसआईटी उनकी भूमिका की जांच कर सकती है।
मालूम हो कि प्रज्वल रेवन्ना ने 27 मई को जारी एक वीडियो में कहा था कि वह पूछताछ के लिए 31 मई को एसआईटी के सामने पेश होंगे। रेवन्ना ने कहा कि उनकी जर्मनी यात्रा पूर्व नियोजित थी क्योंकि 26 अप्रैल को आम चुनाव के लिए कर्नाटक में मतदान होने पर उनके खिलाफ कोई मामला नहीं था। उन्होंने अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश का भी आरोप लगाया क्योंकि वह राजनीति में तेजी से बढ़ रहे थे।