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कोयले की कमी के कारण बिजली संकट, सीएम नीतीश बोले-बिहार में ब्लैक आउट नहीं होने देंगे, 5 दिन, 90 करोड़ खर्च, 570 लाख यूनिट बिजली की खरीद

By एस पी सिन्हा | Updated: October 11, 2021 17:39 IST

देश के विभिन्न राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले का संकट गहराता जा रहा है. कांटी और बरौनी पावरहाउस को हमने ही शुरू कराया था.

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ठळक मुद्देहमने कई नये बिजली घरों का भी निर्माण कराया.मुख्यमंत्री ने कहा कि बरौनी पावर यूनिट अगले महीने चालू हो जायेगा.पूरे देश में बिजली उत्पादन में कमी आई है.

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आज यह स्वीकार किया है कि कोयले की कमी के कारण बिजली संकट उत्पन्न हुआ है. लेकिन देश में पैदा हुए बिजली संकट का प्रभाव बिहार पर देखने को नहीं मिलेगा.

राज्य सरकार बिजली उत्पादन में कमी को देखते हुए महंगे दामों पर अन्य राज्यों से बिजली खरीदने का फैसला किया है. हम हर हाल में बिहार में ब्लैक आउट नहीं होने देंगे. जनता के दरबार के समापन के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सच है कि बिहार में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. पूरे देश में बिजली उत्पादन में कमी आई है.

मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है. एनटीपीसी से भी पर्याप्‍त बिजली नहीं मिल पा रही है. मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को आश्वासन दिया है कि बिहार में बिजली की कहीं कोई कमी नहीं होगी. बिहार सरकार जहां ज्यादा दामों में बिजली बेची जा रही है, वहां से महंगी बिजली बिजली खरीदने जा रही है. विभाग के अधिकारी लगे हुए है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले पांच दिनों में लगभग 90 करोड़ रुपये खर्च कर 570 लाख यूनिट बिजली की खरीद की है. नीतीश कुमार ने कहा कि आपूर्ति में कमी आने का मतलब है कि बिजली जहां से आती है, वहां उत्पादन कम हो रहा है. बिजली विभाग पूरी मुस्‍तैदी से अपना काम कर रहा है. उम्‍मीद है कि हालात जल्‍द सामान्‍य होंगे.

उन्‍होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों से पूरी जानकारी ली गई है. कितनी कमी थी, कितनी कीमत में बिजली खरीदी जा रही है, आदि का ब्‍योरा उन्होंने स्‍वयं लिया है. उन्‍होंने बताया कि खरीद के पश्‍चात पिक-आवर में लगभग 5500-5600 मेगावाट बिजली उपलब्‍ध हो रही है. मतलब, बिजली विभाग को खरीदारी के लिए अधिक दाम देना पड रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी आवश्यकता के अनुसार या तो हम इसे एनटीपीसी से प्राप्त करते हैं या फिर प्राइवेट कंपनियों से. लेकिन अब आपूर्ति प्रभावित है. कुछ कारण हैं, जिनके कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. यह सिर्फ बिहार में ही नहीं, हर जगह है.

उन्होंने कहा कि कांटी और बरौनी पावरहाउस को हमने ही शुरू कराया था. बाद में उसे एनटीपीसी के हवाले कर दिया. हमने कई नये बिजली घरों का भी निर्माण कराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि बरौनी पावर यूनिट अगले महीने चालू हो जायेगा. बिजली का रेट बहुत ज्यादा महंगा हो गया है, लेकिन सरकार आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है.

टॅग्स :बिहारपटनानीतीश कुमारPower Grid Corporation of Indiaभारत सरकार
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