पटना: नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स 2023-24 की नई रिपोर्ट ने केंद्र से अधिक वित्तीय सहायता की राज्य सरकार की मांग की पुष्टि करते हुए जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आयोग की नई रिपोर्ट ने अधिक केंद्रीय वित्तीय सहायता को लेकर लंबे समय से की जा रही हमारी मांग को सही साबित कर दिया है। यही कारण है कि हम बिहार के लिए विशेष दर्जा (एससीएस) या विशेष राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं, जो अपने वित्त का प्रबंधन खुद कर रहा है, जबकि यह देश के उन राज्यों में से एक है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार सबसे पात्र राज्य है, जिसमें केंद्र से विशेष वित्तीय सहायता की जरूरत है। बिहार की अर्थव्यवस्था भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। बिहार ने न केवल लगातार विकास किया है, बल्कि सबसे विकसित राज्यों से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। विजय चौधरी ने कहा कि हमें राज्य के समग्र विकास के लिए एक विशेष पैकेज की भी जरूरत है। बिहार सरकार 2011-12 से ही राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग कर रही है।
इससे पहले बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किए गए थे। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने पहले भी माना है कि बिहार ने पिछले दशक में कई क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति की है। लेकिन अतीत में अपनी कमजोर बुनियाद के कारण राज्य को दूसरे राज्य के बराबर खड़ा होने में और सभी क्षेत्रों में सबसे बेहतर विकास करने में कुछ और समय लग सकता है।
वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मैं तो यही कहूंगा कि अब केंद्र सरकार को बिना किसी देरी के बिहार को विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा कर देनी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की एनडीए सरकार बिहार के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
उधर, नीति आयोग की नई रिपोर्ट पर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इस रिपोर्ट ने बिहार के बारे में एनडीए सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी है। इससे पता चलता है कि बिहार डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं है। यह बेहद हास्यास्पद है कि बिहार की प्रगति नीचे से शुरू होती है।
बता दें कि नीति आयोग ने 12 जुलाई को एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 जारी किया। कुछ पैमानों पर स्थिति में सुधार के बावजूद बिहार सतत विकास का आकलन करने वाले एसडीजी इंडिया इंडेक्स में सबसे निचले पायदान पर रहा।