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महाराष्ट्र का सियासी संग्रामः क्या बीजेपी बचा पाएगी सरकार, आज सुप्रीम कोर्ट में 10:30 बजे सुनवाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 25, 2019 06:22 IST

भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की। बहरहाल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ अपना तीन दशक पुराना संबंध तोड़ लिया था। कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं।

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ठळक मुद्देउच्चतम न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर नोटिस जारी किए। गठबंधन ने फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय के विरोध में याचिका दायर की थीं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने रविवार को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रपति शासन हटाने की महाराष्ट्र के राज्यपाल की अनुशंसा और देवेन्द्र फड़नवीस को सरकार बनाने का निमंत्रण देने वाले पत्र सोमवार को पेश करे। पीठ ने सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता के आग्रह को खारिज कर दिया जिन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र को पेश करने के लिए दो दिनों का वक्त मांगा और उनसे कहा कि सोमवार सुबह साढ़े दस बजे पत्र पेश करें जब मामले पर फिर सुनवाई होगी। 

छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर नोटिस जारी किए। गठबंधन ने फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय के विरोध में याचिका दायर की थीं। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फड़नवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी नोटिस जारी किए। 

बीजेपी ने कहा- साबित करेंगे विश्वास मत

अदालत के निर्णय पर भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा, ‘‘कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का खेल खत्म हो गया है। अजित पवार राकांपा विधायकों को व्हिप जारी कर सकते हैं।’’ बहरहाल राकांपा ने दावा किया कि देवेन्द्र फडणवीस सरकार 30 नवम्बर को सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएगी।

खुद मुख्यमंत्री पद छोड़ दें फड़नवीसः एनसीपी

उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘शपथ ग्रहण फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुए। देवेन्द्र फडणवीस के पास संख्या बल नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहतर होगा कि वह खुद मुख्यमंत्री पद छोड़ दें अन्यथा सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएंगे।’’ मलिक ने कहा कि रविवार सुबह तक राकांपा के ‘लापता’ पांच विधायकों में से दो लौट आए हैं और एक अन्य ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर राकांपा के साथ होने के बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शेष विधायकों के शाम तक लौटने की उम्मीद करते हैं।’’ 

महाराष्ट्र का सियासी समीकरण

भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की। बहरहाल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ अपना तीन दशक पुराना संबंध तोड़ लिया था। कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं।

समाचार एजेंसियों से इनपुट्स लेकर

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