पटना: बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों के समर्थन में पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पुलिस के द्वारा सुबह-सुबह गिरफ्तार कर लिए जाने सियासत तेज हो गई है। इस मुद्दे पर राजद, भाजपा और एआईएमआईएम की प्रतिक्रिया सामने आई है। आश्चर्य की बात यह है कि राजद के निशाने पर पुलिस की कार्रवाई की जगह प्रशांत किशोर हैं। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पीके पर सरकार के साथ मिलीभगत होने का आरोप लगाया है।
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ये वीआईपी अनशन, खा पीकर किया गया अनशन ये छात्रों के आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे थे। सरकार से मिलीभगत थी। पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। जब गांधी मैदान प्रतिबंधित स्थान था, तब वहां बैठने की इजाजत क्यों दी? पहले ही दिन क्यों नहीं हटाया? सरकार द्वारा प्रायोजित आंदोलन छात्र और नौजवान भी समझ रहे हैं।
तेजस्वी यादव नौजवानों और छात्रों के भविष्य को बचाने के लिए सदन से सड़क तक लड़ेंगे। जो लोग छात्रों के आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीति चमका रहे थे वो आज एक्सपोज़ हो गए। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं मंत्री डा. दिलीप जायसवाल ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर छात्रों के नाम पर अपनी राजनीति चमका रहे थे।
उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति का अंत हो रहा है। ऐसे लोग आते-जाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि कहावत है कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे, प्रशांत किशोर उसी को चरितार्थ कर रहे थे। प्रशासन की चेतावनी के बाद भी प्रशांत किशोर गलत तरीके से अनशन कर रहे थे। गैर कानूनी गतिविधि करने पर प्रशासन ने अपना काम किया है।
वहीं, एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि प्रशांत किशोर को थप्पड़ मारे जाने की बात सामने आ रही है, अगर ऐसा किया गया है तो यह बहुत ही गलत बात है। यह थप्पड़ प्रशांत किशोर को नहीं बल्कि लोकतंत्र को मारा गया है।