पुलिस ने की पिता की पिटाई, बेटे को महसूस हुआ अपमान, ट्रेन के आगे कूद कर दी अपनी जान - एनएचआरसी ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी से मांगी रिपोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 2, 2022 05:36 PM2022-12-02T17:36:09+5:302022-12-02T17:36:09+5:30

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बाइक टक्कर के मामले में पुलिस बेटे की जगह पिता को थाने ले गई और बेटे के सामने ही पिता की पिटाई कर दी। इससे आहत बेटे ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। आयोग ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित पीड़ित परिवार को कोई राहत दी गई है या नहीं, के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है ।

Police thrashed father, son felt insulted, jumped in front of train - NHRC seeks report from Chhattisgarh DGP | पुलिस ने की पिता की पिटाई, बेटे को महसूस हुआ अपमान, ट्रेन के आगे कूद कर दी अपनी जान - एनएचआरसी ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी से मांगी रिपोर्ट

पुलिस ने की पिता की पिटाई, बेटे को महसूस हुआ अपमान, ट्रेन के आगे कूद कर दी अपनी जान - एनएचआरसी ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी से मांगी रिपोर्ट

Highlightsपिता की पिटाई से बेटा हुआ आहत ट्रेन के सामने कूद कर दी जानएनएचआरसी ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी से रिपोर्ट मांगी

दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक व्यक्ति की आत्महत्या के मामले में प्रदेश के पुलिस प्रमुख को गुरुवार को नोटिस जारी किया। आत्महत्या करने वाला व्यक्ति अपने पिता की एक पुलिसकर्मी द्वारा कथित तौर पर की गयी पिटाई से आहत था।आयोग ने कहा कि यह घटना ‘मृतक के जीवन और सम्मान के अधिकार का उल्लंघन' है।

दरअसल, 30 नवंबर, 2022 को पीड़ित की मोटरसाइकिल महिलाओं के एक समूह से टकरा गई, जिन्‍होंने उसके खिलाफ शिकायत की और पुलिस उसकी तलाश में उसके घर गई। पुलिस को वह घर पर नहीं मिला और पुलिस उसके बजाय उसके पिता को पुलिस स्टेशन ले गई। पिता की गिरफ्तारी की खबर पीड़ित को मिलने पर वह थाने पहुंचा और पाया कि पुलिस हिरासत में उसके पिता को पुलिस कर्मियों द्वारा पीटा जा रहा है। बाद में, पिता और पुत्र दोनों को उसी रात पुलिस ने रिहा कर दिया। घटना के अगले दिन कथित तौर पर परेशान युवक ने घर छोड़ दिया और चलती ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली।

एनएचआरसी ने बयान जारी किया  और कहा कि यह  पीड़ितों के जीवन और गरिमा के अधिकार का उल्लंघन है। पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया है। आयोग ने छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित पीड़ित परिवार को कोई राहत दी गई है या नहीं, के संबंध में रिपोर्ट मांगी है ।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की वैबसाइट के अनुसार आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अपने विशेष प्रतिवेदक श्री उमेश कुमार शर्मा को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने के लिए कहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि डी.के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य 1997 (1) SCC 416 में उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देशों का संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों द्वारा कैसे उल्लंघन किया गया है और उन दोषी लोक सेवकों का पता लगाने के लिए भी कहा गया है, जिन्‍होंने कथित पीड़ित को यातनाएं दी, जो संवैधानिक रूप से गैर कानूनी है। 
 

Web Title: Police thrashed father, son felt insulted, jumped in front of train - NHRC seeks report from Chhattisgarh DGP

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