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पुलिस ने किया खुलासा, सम्पत्ति हड़पने के लिए की गई थी वृन्दावन के महंत की हत्या

By भाषा | Updated: July 8, 2019 01:31 IST

नगर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि वृन्दावन के अटल्ला चुंगी चौराहे के निकट रहने वाले गोपाल बाग आश्रम के महंत बालमुकुंद शरण शास्त्री की हत्या का खुलासा हो गया है।

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पुलिस ने खुलासा किया है कि 24 दिन से लापता वृन्दावन के एक महंत की हत्या की साजिश उनकी संपत्ति हड़पने के लिए उनके चालक ने ही रची थी। नगर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि वृन्दावन के अटल्ला चुंगी चौराहे के निकट रहने वाले गोपाल बाग आश्रम के महंत बालमुकुंद शरण शास्त्री की हत्या का खुलासा हो गया है।

महंत गत 12 जून से लापता चल रहे थे। पुलिस को 13 जून को मांट क्षेत्र में एक साधु की लाश मिली थी। बाद में परिजनों द्वारा शव की पहचान महंत के रूप में किए जाने के बाद उनकी हत्या की पुष्टि हुई थी। मीणा ने पत्रकार वार्ता में दो महिलाओं सहित तीन आरोपियों को पेश करते हुए बताया कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड महंत का कार चालक मोनू उर्फ उमेश पाठक ही है।

वह अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है, लेकिन जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उमेश बहुत ही खर्चीले स्वभाव का व्यक्ति है। इसीलिए उस पर महंत तथा कई अन्य लोगों का काफी रुपया उधार चला आ रहा है। इसे चुकाने के लिए उसने महंत की हत्या कर उनका आश्रम और नकदी हथियाने की योजना बनाई।

इसके लिए उसने चाय की दुकान पर काम करने वाले जितेंद्र, उसकी मां मीरा देवी और पत्नी प्रीति सहित उसके भाई ललित और मामा भुवनेश को भी साजिश में शामिल कर लिया। मीणा ने बताया कि साजिश के तहत उमेश महंत बालमुकुंद शरण को 12 जून को जितेंद्र के घर ले गया जहां वह उन्हें कई बार पहले भी ले जा चुका था।

वहां जितेंद्र की मां ने महंत को नींद की गोलियां मिली लस्सी पिला दी जिससे वह होश खो बैठे। इसके बाद उमेश ने ललित और भुवनेश के साथ उनके गले में रस्सी का फंदा लगाकर हत्या कर दी और लाश मांट क्षेत्र में राधारानी मंदिर के पास फेंक दी। उन्होंने बताया कि हत्यारों ने महंत की पहचान छिपाने के लिए मुंह पर पेट्रोल डालकर शव को बुरी तरह से जला दिया।

उनकी हत्या करने से पहले उनसे कई कागजात पर हस्ताक्षर भी करा लिए गए थे। इसके बाद उमेश, ललित और भुवनेश फरार हो गए, लेकिन जब पुलिस ने तहकीकात शुरू की तो उसमें उमेश और जितेंद्र की दोस्ती की बात पता चली। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस पर जितेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो धीरे-धीरे उसने पूरी साजिश का खुलासा कर दिया।

पुलिस ने उसकी पत्नी प्रीति और मां मीरा को भी हत्या और साजिश में साथ देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इस बीच, उमेश ने महंत के खाते से करीब ढाई लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। पुलिस अब महंत के कार चालक नौहझील के गांव गढ़ी कोलाहर निवासी उमेश पाठक, जितेंद्र के भाई ललित और मामा भुवनेश की तलाश में लगी है। जितेंद्र मूलतः बरसाना के गांव अकबरपुर का रहने वाला है और वह वृन्दावन के गौधूलिपुरम का हाल निवासी है। भाषा सं नेत्रपाल नेत्रपाल

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