प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर देश को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक समर्पित किया है। राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित यह एक 30 फीट ऊंचा स्तंभ है जो देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बल और केंद्रीय पुलिस संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। इस स्मारक का निर्माण शांतिपथ के उत्तरी छोर पर चाणक्यपुरी में 6.12 एकड़ भूमि पर किया गया है। गौरतलब है कि पुलिस के शहीद जवानों की याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए।
पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातेंः-
- देश की सुरक्षा में समर्पित प्रत्येक व्यक्ति को, यहां उपस्थित शहीदों के परिवारों को मैं पुलिस स्मृति दिवस पर नमन करता हूं। आज का ये दिन आप सभी की सेवा के साथ-साथ, आपके शौर्य और उस सर्वोच्च बलिदान को याद करने का है, जो हमारी पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की परिपाटी रही है।
- ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक,राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है
- देश के नक्सल प्रभावित जिलों में जो जवान अभी ड्यूटी पर तैनात हैं, उनसे भी मैं यही कहूंगा कि आप बेहतरीन काम कर रहे हैं और शांति स्थापना की दिशा में आप तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं।
- नॉर्थ ईस्ट में डटे हमारे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है। शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे हमारे उत्तर-पूर्व के विकास में आपका भी योगदान है।
- आज का ये दिन देश में आपदा प्रबंधन में जुटे, किसी प्राकृतिक संकट के समय या हादसे के समय, राहत के काम में जुटने वाले उन जवानों को भी याद करने का है, जिनकी सेवा की बहुत चर्चा नहीं की जाती।
- बहुतों को तो ये पता तक नहीं होता कि कोई इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, आग लगने पर, रेल हादसा होने पर, राहत के काम की कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं।
- देश के हर राज्य में, हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को, भी मैं बधाई देता हूं।
- आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। आखिर इस मेमोरियल को अस्तित्व में आने में आज़ादी के 70 वर्ष क्यों लग गए।
- मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकार की इच्छा होती, उसने दिल से प्रयास किया होता, तो ये मेमोरियल कई वर्ष पहले ही बन गया होता। लेकिन पहले की सरकार ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी।
- 2014 में जब फिर NDA की सरकार बनी तो हमने बजट आवंटन किया और आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित की जा रही है।
- ये हमारी सरकार के काम करनेका तरीका है। आज समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्यसंस्कृति विकसित की गई है।
पुलिस स्मारक के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी और कई अन्य नेता मौजूद दिखे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, चाणक्यपुरी स्थित परिसर के बीच शहीदों की याद में विशालकाय ग्रेनाइट पत्थर लगाया गया है।
अधिकारी के मुताबिक यहां भूमिगत संग्रहालय का निर्माण भी किया गया है। इस संग्रहालय में अर्धसैनिक और राज्य पुलिस बलों के इतिहास की जानकारी सहित उनसे जुड़ी कलाकृतियां, वर्दी व अन्य सामग्री प्रदर्शित की जाएंगी।