कांग्रेस ने कहा- PM जागो, अर्थव्यवस्था बचाओ, भारत के 12 करोड़ से अधिक लोग कर रहे हैं बेसब्री से इंतजार, क्या उन्हें अप्रैल की मिलेगी सैलरी?
By रामदीप मिश्रा | Published: April 29, 2020 02:10 PM2020-04-29T14:10:56+5:302020-04-29T14:10:56+5:30
चिदंबरम ने कहा कि बिना आय के ये लोग अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे। इन 11 करोड़ लोगों की आजीविका अब खतरे में है क्योंकि अधिकांश नियोक्ता मजदूरी व वेतन का भुगतान करने में असमर्थ है।
नई दिल्लीः कांग्रेस ने बुधवार (29 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है और कहा है कि 'पीएम जागो अर्थव्यवस्था बचाओ'। इस दौरान पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार से पूछा है कि आज 29 अप्रैल है। कल महीने का आखिरी कार्य दिवस है। भारत के 12 करोड़ से अधिक लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वे जानना चाहते हैं कि क्या उन्हें अप्रैल महीने के लिए उनके वेतन व मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत के कामकाजी लोगों और उनके परिवारों में तनावपूर्ण और अनिश्चिततापूर्ण स्थिति है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 11 करोड़ लोग 6.3 करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग में लगे हुए हैं। उनमें से ज्यादातर ने अप्रैल में एक दिन भी काम नहीं किया होगा, क्योंकि पूरे देश में कोरोनो वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन था।
चिदंबरम ने कहा कि बिना आय के ये लोग अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे। इन 11 करोड़ लोगों की आजीविका अब खतरे में है क्योंकि अधिकांश नियोक्ता मजदूरी व वेतन का भुगतान करने में असमर्थ है। यह बेहद चौंकाने वाला है कि कोविड -19 के दौरान व्यवसायों के लिए कोई वित्तीय पैकेज या सहायता की घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस पार्टी ने 6.3 करोड़ MSMEs की मदद के लिए विशिष्ट, सुविचारित और ठोस सुझावों के साथ एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। हम पीएम से आग्रह करते हैं कि वह उस प्रस्ताव को देखें और तुरंत दो विशिष्ट सिफारिशों को लागू करने की घोषणा करें।
Tomorrow is the last working day of the month. More than 12 crore people of India are waiting with bated breath. They want to know if they will be paid their salaries/wages for the month of April: @PChidambaram_IN#PMWakeUpSaveEconomy
— Congress (@INCIndia) April 29, 2020
चिदंबरम ने कहा कि आयकर विभाग के अनुसार, लगभग 1 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनकी वेतन आय 3,50,000 रुपये प्रति वर्ष या 30,000 रुपये प्रति माह से कम है औसतन 15,000 रुपये प्रति माह के आधार पर 1 करोड़ लोगों की अप्रैल में कुल लागत 15,000 रुपये करोड़ होती है। यह उनकी आजीविका की रक्षा के लिए बड़ी राशि नहीं है, जिन्होंने कर रिटर्न दाखिल किया है और अतीत में करों का भुगतान किया है और आसानी से मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अगले तीन महीनों के लिए अस्थायी आधार पर ईपीएफ और कर्मचारियों के राज्य बीमा (ईएसआई) में नियोक्ताओं के योगदान की छूट का भी सुझाव देती है। यह नियोक्ताओं की पेरोल लागत को कम करने और कार्यबल को बनाए रखने में सहायता करेगा। समय ही सब कुछ है। इन समय सरकार से सहायता के स्पष्ट संकेत के अभाव में, निजी क्षेत्र बड़े पैमाने पर छंटनी और कटौती का सहारा लेने के लिए मजबूर हो जाएगा, जो लाखों लोगों की आजीविका को तबाह कर देगा।
उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि वे वेतन व मजदूरी की रक्षा के लिए एक सहायता पैकेज की घोषणा करें और अगले कुछ दिनों में होने वाले चेक का भुगतान करें।