पीएम मोदी ने 'मन की बात' में गिनाए वाजपेयी के वो चार फैसले, जिनसे बदली राजनीति की तस्वीर
By आदित्य द्विवेदी | Updated: August 26, 2018 14:50 IST2018-08-26T12:11:57+5:302018-08-26T14:50:25+5:30
स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्पराएं विकसित करना, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करना और चर्चाओं को खुले मन से आगे बढ़ाकर ही अटल जी को एक उत्तम श्रद्धांजलि दी जा सकती है।

Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने 'मन की बात' में गिनाए वाजपेयी के वो चार फैसले, जिनसे बदली राजनीति की तस्वीर
नई दिल्ली, 26 अगस्तः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 47वें संस्करण में शुभकामनाओं से लेकर संवेदना तक के कई मुद्दे उठाए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उन्होंने सच्ची श्रद्धांजलि का तरीका भी बताया। पीएम मोदी ने कहा, 'अटल जी के लिए जिस प्रकार का स्नेह, जो श्रद्धा और जो शोक की भावना पूरे देश में उमड़ पड़ी, वो उनके विशाल व्यक्तित्व को दर्शाती है।' पीएम मोदी ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अटल जी का योगदान अतुलनीय है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्पराएं विकसित करना, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करना और चर्चाओं को खुले मन से आगे बढ़ाकर ही अटल जी को एक उत्तम श्रद्धांजलि दी जा सकती है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल को याद करते हुए इन चार बड़े कार्यों को रेखांकित किया।
1. दल-बदल कानून
दल बदल विरोधी कानून संसद की आंतरिक राजनीति और सांसदों/विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने का एक महत्त्वपूर्ण यंत्र है। लेकिन इसमें कई विसंगतियों की वजह से ईलाज ही बीमारी बन गया था। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से इसमें सुधार किया गया।
2. बजट पेश करने के समय में बदलाव
सन् 2000 तक देश का आम बजट शाम पांच बजे होता था। ये ब्रिटिशकालीन परंपरा थी क्योंकि जब यहां पांच बजते हैं तो ब्रिटेन में सुबह 11.30 बजते हैं। आजादी के 50 साल बाद गुलामी की एक और कड़ी को तत्कालीन एनडीए सरकार ने तोड़ा और 2001 में वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने पहली बार सुबह 11 बजे बजट पेश किया।
3. इंडियन फ्लैग कोड
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया (भारतीय ध्वज संहिता) एक कानून है जिसमें तिरंगा फहराने के कुछ नियम-कायदे तय किए गए हैं। इसे 2002 में एनडीए सरकार में ही तैयार किया गया था और 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया। इस संहिता के बाद ही अनेक सार्वजनिक जगहों पर सम्मानपूर्वक झंडारोहण सुनिश्चित हो सका।
4. केंद्र-राज्य के चुनाव पर बहस
इस वक्त देश में केंद्र और राज्यों के चुनाव एक साथ कराए जाने की चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था। इस पर सभी को स्वस्थ बहस करनी चाहिए।
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