पीएम मोदी ने स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी, बताया कैसा रहा अनुभव
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 25, 2023 12:46 PM2023-11-25T12:46:08+5:302023-11-25T13:07:40+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की अपनी यात्रा के दौरान बेंगलुरु में तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की अपनी यात्रा के दौरान बेंगलुरु में तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। पीएम मोदी एचएएल की विनिर्माण सुविधा की समीक्षा करने के लिए बेंगलुरु में ही थे।
PM Narendra Modi flew a sortie on Tejas aircraft in Bengaluru, Karnataka.
— ANI (@ANI) November 25, 2023
(Pics: PM Modi's Twitter) pic.twitter.com/GOk6aiwdrL
रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना प्रधानमंत्री मोदी की सबसे बड़ी महात्वाकांक्षा है। पीएम मोदी रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं और उन्होंने बार-बार ये बात जोर देकर कही है कि उनकी सरकार ने भारत में रक्षा उपकरणों के विनिर्माण और उनके निर्यात को बढ़ावा दिया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "तेजस पर उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। यह अनुभव अविश्वसनीय रूप से समृद्ध था, जिसने हमारे देश की स्वदेशी क्षमताओं में मेरे विश्वास को काफी बढ़ा दिया, और हमारी राष्ट्रीय क्षमता के बारे में मुझमें नए सिरे से गर्व और आशावाद की भावना पैदा की।"
PM Narendra Modi tweets, "Successfully completed a sortie on the Tejas. The experience was incredibly enriching, significantly bolstering my confidence in our country's indigenous capabilities, and leaving me with a renewed sense of pride and optimism about our national… pic.twitter.com/PHKG5llA2j
— ANI (@ANI) November 25, 2023
बता दें कि तेजस भारतीय वायुसेना में अब धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना ने 40 तेजस विमानों के आर्डर सबसे पहले दिए थे। इनमें से 31 विमान मिल चुके हैं। निकट भविष्य में 100 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों के लिए अतिरिक्त ऑर्डर देने की योजना है। इसके अलावा 120 तेजस एमके-2 पर भी विचार किया जा रहा है। 2025 तक मिग-21 के स्कवाड्रन को एलसीए मार्क 1ए से बदल दिया जाएगा।
आने वाले समय में भारतीय वायुसेना के पास तेजस विमानों की एक बड़ी स्कवाड्रन होगी। अगर सब कुछ योजना अनुसार चला तो अगले 15 वर्षों में भारतीय वायुसेना के पास 40 एलसीए, 180 से ज्यादा एलसीए मार्क-1A और 120 एलसीए मार्क-2 फाइटर प्लेन होंगे।