नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवंगत सपा नेता हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम ने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह ने ग्राम सभा से राज्यसभा तक का सफर तय किया और एक समय मेहरबान सिंह का पुरवा से उत्तर प्रदेश की राजनीति को दिशा मिलती थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरी हार्दिक इच्छा थी कि मैं इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कानपुर आऊं, लेकिन आज हमारे देश का बहुत बड़ा लोकतांत्रिक अवसर है, नयी राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण हुआ है।आदिवासी समाज की एक महिला राष्ट्रपति पद पर काबिज हुई है। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत और सर्व समावेशी विचार का जीता-जागता उदाहरण है।
हरमोहन सिंह यादव ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में लोहिया जी के विचारों को उत्तर प्रदेश और कानपुर की धरती से आगे बढ़ाया। उन्होंने देश और प्रदेश की राजनीति में जो योगदान दिया, उससे आने वाली पीढ़ियों को लगातार मार्गदर्शन मिल रहा है।
जब भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ था तब सभी प्रमुख पार्टी सरकार के साथ खड़ी हो गई। जब देश ने पहला परमाणु परीक्षण किया तब भी सभी प्रमुख पार्टी सरकार के साथ खड़ी हो गई। लेकिन जब आपातकाल के समय देश के लोकतंत्र को कुचला गया तब हम सभी ने एक साथ लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ाई भी लड़ी है।
पीएम ने कहा कि व्यक्ति से बड़ा दल, दल से बड़ा देश क्योंकि दलों का अस्तित्व लोकतंत्र की वजह से और लोकतंत्र का अस्तित्व देश की वजह से है। हमारे देश में अधिकांश पार्टियों ने विशेषरूप से सभी गैर कांग्रेसी दलों ने इस विचार को देश के लिए सहयोग और समन्वय के आदर्श को निभाया है।
तब वो अपने लिए फैसले लागू नहीं कर पाए। अब अगर उनका क्रियान्वन होता है तो उसका विरोध करते हैं। देश के लोग इस सोच को पसंद नहीं करते हैं। हर राजनीतिक पार्टी का दायित्व है कि दल एवं व्यक्ति का विरोध, देश के विरोध में न बदले। राजनीतिक महत्वाकांक्षा हो सकती है लेकिन देश सबसे ऊपर है।
हमारे यहां देश और समाज के हित विचारधाराओं से बड़े रहे हैं। हालांकि हाल के दिनों में विचारधारा को समाज और देश के हित से भी ऊपर रखने का चलन शुरू हो गया है। कई बार तो सरकार के कामों में विपक्ष के लोग बस इसलिए अड़ंगा लगाते हैं क्योंकि जब वो सत्ता में थे।