बीती फरवरी में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना की बालाकोट में अंजाम दी गई एयर स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी चरम पर पहुंच गई थी। भारतीय विंग कमांडर जब पाक एयरफोर्स को सबक सिखाते हुए गलती से एलओसी पार उतर गए और पाक सेना के कब्जे में पहुंच गए तो पड़ोसी मुल्क को कुछ समझ नहीं आया कि क्या किया जाए। पाक पीएम में अपनी संसद में दलील दी कि भारत के प्रधानमंत्री को वह बार-बार फोन लगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मोदी उनका फोन नहीं उठा रहे हैं।
अब विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पाक पीएम इमरान खान ने पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई फोन पर दी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ''पीएम मोदी ने आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कॉल को रिसीव किया, जिसमें वह लोकसभा चुनाव में मिली जीत के लिए बधाई दे रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाक पीएम को पहले का दिया सुझाव याद दिलाया, जिसमें संयुक्त रूप से गरीबी से लड़ने के उन्होंने पड़ोसी के लिए सरकारी की पहली नीति की बात की थी।''
विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि पीएम मोदी ने पाक पीएम इमरान खान के साथ अपनी टेलिफोन वार्ता में जोर दिया कि क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विश्वास और हिंसा से मुक्त वातावरण बनाना जरूरी था।
बता दें कि इससे पहले पाक पीएम ने ट्वीट कर पीएम मोदी को जीत की बधाई दी थी। वहीं, लोकसभा चुनाव शुरू होने से ऐन पहले इमराम खान ने एक वीडियो जारी कर सबको चौंका दिया था, जिसमें उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि भारत में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार आए। जानकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी के बारे में आम धारणा यह है कि वह देश में बहुसंख्यक यानी हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करती है इसलिए कश्मीर जैसे मसले का हल निकालने के लिए ऐसी पार्टी का पूर्ण बहुमत के साथ जीतना जरूरी है।
वहीं, चुनाव प्रचार के दौरान भी पीएम मोदी पाकिस्तान को कई दफा चेताते रहे हैं और कहते रहे हैं कि भारत अब किसी करतूत का बदला घर में घुसकर मारकर लेगा।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इमरान खाम पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में दिखाई देंगे या नहीं।