PM Modi Bihar Visit: 29 मई को रैली करेंगे पीएम मोदी, 120 दिन में तीसरा दौरा क्यों है खास?, ऑपरेशन सिंदूर के बाद सियासत तेज
By एस पी सिन्हा | Updated: May 17, 2025 15:40 IST2025-05-17T15:38:41+5:302025-05-17T15:40:20+5:30
PM Modi Bihar Visit: पीएम मोदी पहलगाम हमले के बाद बिहार के मधुबनी पहुंचे थे और बिहार की धरती से आतंकवादियों और उनके आकाओं को सख्त चेतावनी दी थी।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी लगातार तेज होती जा रही है। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच मुकाबले को लेकर जमीन तैयार की जा रही है। इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी भी लगातार बिहार दौरे पर आ रहे हैं। पीएम मोदी 30 मई को बिहार दौरे पर आने वाले थे, लेकिन अब उनके दौरे के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है। पीएम मोदी अब 29 मई को ही बिहार पहुंच जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह उनका चार महीने के भीतर तीसरा बिहार दौरा होगा। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी का यह पहला बिहार दौरा होने जा रहा है। इससे पहले पीएम मोदी पहलगाम हमले के बाद बिहार के मधुबनी पहुंचे थे और बिहार की धरती से आतंकवादियों और उनके आकाओं को सख्त चेतावनी दी थी।
बताया जाता है कि पीएम मोदी 29 मई की शाम पटना पहुंचेंगे, जहां वे लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का लोकार्पण करेंगे। यह नई टर्मिनल सुविधा न केवल पटना की परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि इसके जरिए केंद्र सरकार की विकास योजनाओं की छवि को भी और मजबूत करने की कोशिश की जाएगी।
मोदी रात में पटना में रुकेंगे और अगले दिन की बड़ी राजनीतिक गतिविधियों की तैयारी करेंगे। 30 मई को पीएम मोदी का रोहतास जिले के बिक्रमगंज में जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इस जनसभा को राजग के लिए चुनावी शंखनाद के तौर पर देखा जा रहा है। खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 में शाहाबाद क्षेत्र की पांच में से सभी सीटों पर एनडीए को हार का सामना करना पड़ा था।
ऐसे में माना जा रहा है कि बिक्रमगंज की इस रैली के जरिए पीएम मोदी इस कमजोर पड़ चुके गढ़ को फिर से मजबूत करने की दिशा में राजनीतिक ‘खाद-पानी’ देंगे। बता दें कि पीएम मोदी इससे पहले भी इस साल दो बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। 24 फरवरी को भागलपुर यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त डीबीटी के माध्यम से किसानों के खातों में भेजी थी।
इसी अवसर पर उन्होंने सड़क, रेलवे और सिंचाई से संबंधित कई योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया। इसके बाद 24 अप्रैल को मधुबनी यात्रा के दौरान राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर जीविका दीदियों के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को विस्तार से प्रस्तुत किया।
इस दौरान भी उन्होंने रेल परियोजनाओं से लेकर बाढ़ प्रबंधन तक से जुड़े कई कार्यक्रमों की नींव रखी थी। वहीं, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिक्रमगंज की यह जनसभा एक तरह से एनडीए के लिए ‘राजनीतिक संजीवनी’ हो सकती है। जिस क्षेत्र में पार्टी ने हालिया लोकसभा चुनाव में हार देखी थी।
वहां दोबारा जनसंपर्क स्थापित करना और केंद्र की योजनाओं के माध्यम से मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश करना एक कारगर रणनीति हो सकती है। उल्लेखनीय है कि बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा का चुनाव होना है।