नई दिल्ली, 18 अगस्त: केरल में आई भीषण बाढ़ से राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। लगभग पूरा केरल पानी में डूबा हुआ है। कहा जा रहा है कि 100 साल के इतिहास की ये सबसे भयानक और बड़ी बाढ़ हैं। ऐसे में हर राज्य की सरकार अपनी तरफ से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से 10 करोड़ की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी सहायता राशि देने का ऐलान किया है। नवीन पटनायक ने मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से पांच करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है।
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले ही केरल की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये की तत्काल मदद भेजने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केरल पहुंचे थे।उन्होंने शनिवार सुबह अधिकारियों के साथ बाढ़ से उत्पन्न आपदा की समीक्षा बैठक की। इसके बाद आईएनएस गरुण से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया है। बैठक के बाद पीएम ने मुआवजा राशि और वित्तीय मदद की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है- 'प्रधानमंत्री ने बाढ़ के बारे में जानकारी लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया है।खराब मौसम के कारण हमारा हेलीकॉप्टर कुछ स्थानों पर नहीं जा सका। पीएम मोदी ने 500 करोड़ रुपये और सभी संभावित सहायता की घोषणा की है। हमें उन्हें धन्यवाद दिया है। साथ ही और अधिक हेलीकॉप्टरों और नौकाओं की मांग की है।'
दूसरी तरफ केरल की भयावह हालात और नुकसान को देखते हुए कांग्रेस पार्टी सरकार से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रही है।
बता दें कि केरल में मानसूनी बारिश और बाढ़ के भीषण तबाही मची हुई है। बीते आठ अगस्त से अब तक केरल में जल प्रलय ने 385 लोगों की मौत हो गई है। केरल के 14 जिलों में से 12 में रेड अलर्ट जारी किया गया है। करीब तीन लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में शरण लिए हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की समस्या देखी गई, तो पेट्रोल पंपों में ईंधन नहीं है। जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो रखा है।बाढ़ के कारण खूबसूरत राज्य को गहरा धक्का लगा है और पर्यटन उद्योग बहुत प्रभावित हुआ है। हजारों एकड़ खेत में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। बुनियादी ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचा है।