सीओपी-14 से संबंधित यूनाइटेड नेशंस कंन्वेंशन टू कंबाट डिजर्टीकेशन के सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत को दो साल तक अगुवाई करने की जिम्मेदारी मिली है और हम यह भरोसा दिलाते हैं कि पर्यावरण के संदर्भ में हमारी प्रतिबद्धता में और इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भू क्षरण जैसे क्षेत्रों में दक्षिण-दक्षिण सहयोग बढ़ाने के लिए उपायों का प्रस्ताव रख कर प्रसन्नता महसूस कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु और पर्यावरण का जैव विविधता और जमीन के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। दुनिया के सभी मुल्कों में इस बात पर सहमति है कि जलवायु परिवर्तन का नकारात्मक असर हो रहा है। इसकी वजह से जमीन बंजर और रेतील हो रही है। यही नहीं समुद्र के जलस्तर में इजाफा हो रहा है। दुनिया के अलग अलग हिस्सों में असमय बारिश, बर्फबारी, तूफान का सामना कर रहे हैं।
यह सम्मेलन ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर में हो रहा है। इस सम्मेलन में करीब 100 देशों के प्रतिनिध हिस्सा ले रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस का मकसद पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियों पर विचार करना है।