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PM Modi addresses last sitting of 17th Lok Sabha: पांच साल देश में ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ वाला रहा, पीएम मोदी ने कहा- मुझे विश्वास है देश फिर से आशीर्वाद देगा, वीडियो

By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 10, 2024 17:34 IST

PM Modi addresses last sitting of 17th Lok Sabha: मैं माननीय सांसदों का भी इस बात के लिए आभार व्यक्त करता हूं कि संकट काल में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव जब मैंने माननीय सांसदों के सामने रखा, तो एक पल के विलंब के बिना सभी सांसदों ने इस प्रस्ताव को मान लिया।

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ठळक मुद्देअपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है। आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है। अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया।

PM Modi addresses last sitting of 17th Lok Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सराहना करते हुए कहा कि आपने निष्पक्ष भाव से काम किया। संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे आपने (सभापति जी) सामान्य व्यक्ति के लिए खोल दिए। ज्ञान का ये खजाना, परंपराओं की ये विरासत आपने जनसामान्य के लिए खोल कर बहुत बड़ी सेवा की है। इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। 17वीं लोकसभा की कार्य उत्पादकता 97 प्रतिशत रही, मुझे विश्वास है कि हम 18वीं लोकसभा में शत प्रतिशत की उत्पादकता रहने का संकल्प लेंगे। इस कार्यकाल में परिवर्तनकारी सुधार हुए, 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव इनमें नजर आती है। सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया जिससे संविधान का पूर्ण रूप से प्रकटीकरण हुआ, संविधान निर्माताओं की आत्मा हमें जरूर आशीर्वाद दे रही होगी। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान देश के हर राज्य ने भारत के सामर्थ्य और अपने प्रदेश की खूबी विश्व के सामने रखी जिसका असर आज भी है, पी-20 के माध्यम से भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया। नए भवन का निर्माण करवाने का निर्णय लेने का श्रेय लोकसभा अध्यक्ष बिरला को देते हुए कहा कि उसी का परिणाम है कि देश को संसद का नया भवन प्राप्त हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये पांच साल देश में ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ वाला रहा है, मुझे विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देता रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र के अंतिम दिन सदन में कहा कि आज का दिवस लोकतंत्र की महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है, 17वीं लोकसभा ने देशसेवा में अनके निर्णय किए।

आदरणीय सभापति जी, देश को जो नया संसद भवन प्राप्त हुआ है, इस नए भवन में एक विरासत का अंश और आजादी की पहली पल को जीवंत रखने का... सेंगोल को स्थापित करने का काम किया। इसको सेरेमोनियल बनाने का बहुत बड़ा काम आपके नेतृत्व में हुआ है। जो भारत की आने वाली पीढ़ियों को हमेशा-हमेशा उस आजादी के पल से जोड़ कर रखेगा।

आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है। 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया। एक प्रकार से आज का ये दिवस हम सबकी उन 5 वर्ष की वैचारिक यात्रा का, राष्ट्र को समर्पित समय का और देश को एक बार फिर से अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है।

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