प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों से विपक्षी दलों की पोल खोलने कहा, विपक्ष पेगासस मामले की जांच पर अड़ा

By भाषा | Updated: July 27, 2021 23:15 IST2021-07-27T23:15:00+5:302021-07-27T23:15:00+5:30

PM asks BJP MPs to open poles of opposition parties, Opposition adamant on investigation of Pegasus case | प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों से विपक्षी दलों की पोल खोलने कहा, विपक्ष पेगासस मामले की जांच पर अड़ा

प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों से विपक्षी दलों की पोल खोलने कहा, विपक्ष पेगासस मामले की जांच पर अड़ा

नयी दिल्ली, 27 जुलाई पेगासस जासूसी विवाद पर संसद की कार्यवाही छठे दिन भी बाधित होने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों से विपक्षी दलों की पोल खोलने की कथित तौर पर अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन वे दोनों सदनों को चलने नहीं दे रहे हैं।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। मॉनसन सत्र के 19 जुलाई को आरंभ होने के बाद सरकार और विपक्ष के बीच संसद में उपजा गतिरोध, तब से कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा पर आईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री को पेगासस विवाद पर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और उच्चतम न्यायालय-नीत जांच कराने पर फैसला करना चाहिए। वहीं, सात विपक्षी पार्टियों ने फोन हैकिंग कांड और किसानों के मुद्दों पर संसद में चर्चा के लिए सरकार को निर्देश देने की खातिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

इस बीच, प्रतिष्ठित पत्रकारों एन राम और शशि कुमार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी किए जाने संबंधी खबरों की शीर्ष अदालत के किसी मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाशीध से स्वतंत्र जांच कराई जाए।

इस याचिका पर आगामी कुछ दिन में सुनवाई हो सकती है। याचिका में इस बात की जांच करने का अनुरोध किया गया है कि क्या पेगासस स्पाइवेयर के जरिए फोन को अवैध तरीके से हैक करके एजेंसियों और संगठनों ने भारत में स्वतंत्र भाषण और असहमति को अभिव्यक्त करने को रोकने का प्रयास किया गया।

याचिका में केंद्र को यह बताने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि क्या सरकार या उसकी किसी एजेंसी ने पेगासस स्पाइवेयर के लिए लाइसेंस प्राप्त किया है और क्या उन्होंने इसका इस्तेमाल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निगरानी करने के लिए किया है।

इस बीच, न्यूज वेबसाइट द वायर द्वारा जारी एक नयी सूची के मुताबिक इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के संभावित लक्ष्यों में जेट एयरवेज के पूर्व अध्यक्ष नरेश गोयल, स्पाइसजेट के प्रबंध निदेशक अजय सिंह और एस्सार ग्रुप के प्रशांत रूइया के नाम शामिल थे।

लीक सूची में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक (पीए) के रूप में काम कर चुके भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी वी के जैन के फोन नंबर भी शामिल हैं। लीक सूची का विश्लेषण पेगासस प्रोजेक्ट संघ के मीडिया साझेदारों ने किया है।

द वायर ने कहा है कि इसके अलावा लीक रिकॉर्ड में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और नीति आयोग के कम से कम एक-एक अधिकारी के नंबर का ब्योरा शामिल है।

पेगासस विवाद और केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों पर विपक्ष के विरोध-प्रदर्शन को लेकर लोकसभा और राज्यसभी की कार्यवाही फिर से बाधित हुई, जिसे दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। दरअसल, विपक्षी सदस्यों ने इन मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या उन्होंने पेगासस विवाद पर मोदी के साथ चर्चा की। लेकिन बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री को जासूसी विवाद पर एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और उच्चतम न्यायालय-नीत जांच कराने पर फैसला करना चाहिए।

पश्चिम बंगाल ने नेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी के आरोपों की जांच के लिए सोमवार को दो सदस्यीय एक आयोग का गठन किया था।

सात विपक्षी दलों ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार को पेगासस जासूसी मामले और किसानों के मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने के लिए निर्देश दें।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि सात पार्टियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह केंद्र सरकार को पेगासस जासूसी मामले और किसानों के मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने के लिए निर्देश दें।

राकांपा के अलावा बसपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, नेशनल कांफ्रेंस, भाकपा और माकपा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आग्रह किया है।

अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने के दौरान बहुत सारे किसानों की मौत हो गई, लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सूचना व प्रौद्योगिक संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि समिति अपनी बैठक में राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के फोन कथित तौर पर पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए टैप करने के मामले में सरकारी अधिकारियों से सवाल पूछेगी।

उन्होंने कहा कि समिति के कई सदस्यों के लिए यह ‘‘सबसे अहम’’ मामला है। बत्तीस-सदस्यीय इस समिति की बैठक बुधवार को होने वाली है। इसके मद्देनजर लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में बताया गया है कि समिति की बैठक का मुद्दा ‘‘नागरिकों के आंकड़ों की सुरक्षा और उसकी गोपनीयता’’ है।

थरूर ने कहा, ‘‘संसद की कार्यवाही इसी वजह से (पेगासस के कारण) नहीं हो पा रही है। लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं और निश्चित तौर पर हम इस बारे में समिति की बैठक में शामिल होने वाले अधिकारियो से सवाल करेंगे...हम देखना चाहेंगे उनका क्या जवाब होता है।’’

कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार तब तक जासूसी प्रकरण को नकारती रहेगी जब तक यह पता नहीं चल जाता कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का ‘भारतीय ग्राहक’ कौन है।

उन्होंने यह भी कहा कि इसका खुलासा भी जल्द होगा कि यह स्पाइवेयर किसने खरीदा है। पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय ग्राहक कौन है? क्या यह भारत सरकार है? क्या भारत सरकार की कोई एजेंसी है? क्या यह निजी इकाई है?’’

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह कुछ मीडिया संगठनों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने कहा था कि भारत में पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 से अधिक मोबाइल नंबरों की संभवत: निगरानी की गयी। इसमें दो मंत्री, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं के अलावा अनेक कार्यकर्ताओं के नंबर भी थे। सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करती रही है।

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