तिरुवनंतपुरम: केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने स्वयं अपने संगठन के भंग करने का ऐलान कर दिया है। एनआईए की देशभर में लंबी पड़ताल और अनवत छापेमारी के बाद आज केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई समेत उससे संबंधित कुल 8 संगठनों को यूएपीए के तहत आगामी 5 सालों के लिए प्रतिबंधित किया जाता है।
पीएफआई पर लगे बैन के बाद जहां देश की सियायत गरम है वहीं स्वयं पीएफआई के केरल राज्य के महासचिव अब्दुल सत्तार ने इस बात की घोषणा कर दी है कि पीएफआई अब इतिहास की बात हो गया और उसे भंग किया जाता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अब्दुल सत्तार ने कहा, "सभी पीएफआई सदस्यों और जनता को सूचित किया जाता है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को विघटित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है, संगठन निर्णय को स्वीकार करता है।"
मालूम हो कि जापान यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वदेश वापसी के बाद केंद्र सरकार ने ऐलान किया कि पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों को यूएपीए के तहत पांच सालों के लिए किया बैन किया जाता है।
पीएफआई के साथ जिन संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन शामिल हैं।
एनआईए ने बीते गुरुवार से पीएफआई के खिलाफ देशभर में अनवरत छापेमारी शुरू की है। बीते मंगलवार को भी सुरक्षा एजेंसी ने देश की राजधानी दिल्ली समेत कुल सात राज्यों में स्थानीय पुलिस की मदद से देश के विभिन्न जिलों में पीएफआइ से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा था और 170 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था।
वहीं गुरुवार को एनआइए ने पीएफआई के देश विरोधी नेक्सस को उजागर करने के लिए 15 राज्यों में छापेमारी करके 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था और कई तरह की देश विरोधी आपत्तिजनक सामग्रियों को जब्त किया था।