बंगाल में वाम मोर्चा के 12 घंटे के बंद से जन-जीवन आंशिक रूप से प्रभावित

By भाषा | Updated: February 13, 2021 00:44 IST2021-02-13T00:44:15+5:302021-02-13T00:44:15+5:30

People's life partially affected by 12-hour shutdown of Left Front in Bengal | बंगाल में वाम मोर्चा के 12 घंटे के बंद से जन-जीवन आंशिक रूप से प्रभावित

बंगाल में वाम मोर्चा के 12 घंटे के बंद से जन-जीवन आंशिक रूप से प्रभावित

कोलकाता, 12 फरवरी पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा द्वारा शुक्रवार को आहूत 12 घंटे के बंद के कारण जन-जीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ। इस दौरान राज्य के कई स्थानों पर हिंसा की घटनाएं भी सामने आईं।

पश्चिम बंगाल में राज्य सचिवालय 'नबन्ना’ की ओर मार्च करते वाम मोर्चा कार्यकर्ताओं पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ यह बंद बुलाया गया था।

इस बीच, राज्य में कोविड-19 के मद्देनजर 11 महीने से बंद स्कूल शुक्रवार को नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए खुल गए।

अधिकारियों ने बताया कि वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने मालदा, बर्धमान, रायगंज, आसनसोल, दनकुनी, कोलकाता के कुछ हिस्सों में, उत्तरी 24 परगना और नदिया जिलों में रेल की पटरियां और सड़कें जाम कीं। बंद सुबह छह बजे शुरू हुआ था।

राज्य के कई स्थानों पर रेलों की आवाजाही प्रभावित करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने पटरियों को बाधित किया।

प्रदर्शनकारियों ने कुछ इलाकों में टायरों में आग भी लगाई और कुछ जगह पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल भी दिए।

पूर्वी बर्धमान जिले में कथित बंद समर्थकों ने बसों पर भी पथराव किया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया और कई लोगों को हिरासत में लिया।

नौकरियों और बेहतर शिक्षा सुविधाओं की मांग को लेकर 'नबन्ना अभियान' में शामिल वाम कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बृहस्पतिवार को मध्य कोलकाता के एस्पलेनेड इलाके में उस समय झड़प हो गई थी, जब कुछ लोगों ने अवरोधक हटाकर नबन्ना की ओर बढ़ने की कोशिश की।

अधिकारियों ने कहा कि यादवपुर में कांग्रेस समर्थकों ने जबरन दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया जिसके चलते इलाके में तनाव के हालात बन गए।

उन्होंने कहा कि एसएफआई कार्यकर्ताओं ने यादवपुर में बस टर्मिनल के पास की सड़क को पूरी तरह बंद कर दिया और वहां फुटबॉल, टेबल-टेनिस खेला।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि उत्तरी 24 परगना जिले के बारामति और बेल्घारिया और दुर्गापुर के अलावा कूचबिहार के मथभंगा समेत कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई।

वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने पुलिस के ‘‘क्रूर हमले’’ के खिलाफ बंद का आह्वान करते हुए दावा किया था कि कार्रवाई में 150 से अधिक छात्र, युवक एवं युवतियां घायल हुए हैं।

सार्वजनिक वाहनों की सामान्य आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर भारी पुलिस बल की तैनाती भी दिखी।

वाम मोर्चा के नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि लोगों ने बंद का समर्थन किया।

उन्होंने बताया कि छात्रों को स्कूल जाने से नहीं रोका गया।

इस बीच, ‘भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा’ के नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने भी बंद का समर्थन किया।

इस बीच, माकपा ने शुक्रवार को दावा किया कि डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) तथा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं पर बृहस्पतिवार को पुलिस के कथित ‘अत्याचारों’ के खिलाफ वाम मोर्चा द्वारा शुक्रवार को आहूत 12 घंटे के बंद को लेकर राज्य के लोगों की प्रतिक्रिया ‘‘सकारात्मक’’ रही।

माकपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि पार्टी ने तय किया था कि बंद को जबरन लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि इससे आम लोगों को परेशानी हो सकती है। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने बंद का स्वेच्छा से समर्थन किया।

सलीम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विरोध मार्च में शामिल होने की तैयारी कर रहे वाम कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कई को हिरासत में लिया गया और हम उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग करते हैं। राज्य के लोगों ने बंद का समर्थन किया।

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Web Title: People's life partially affected by 12-hour shutdown of Left Front in Bengal

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