किसान प्रदर्शन: अदालत ने कहा, असंतुष्टों को चुप करने के लिये राजद्रोह का कानून नहीं लगा सकते

By भाषा | Updated: February 16, 2021 20:46 IST2021-02-16T20:46:35+5:302021-02-16T20:46:35+5:30

Peasant Demonstration: Court said, treason law cannot be imposed to silence dissidents | किसान प्रदर्शन: अदालत ने कहा, असंतुष्टों को चुप करने के लिये राजद्रोह का कानून नहीं लगा सकते

किसान प्रदर्शन: अदालत ने कहा, असंतुष्टों को चुप करने के लिये राजद्रोह का कानून नहीं लगा सकते

नयी दिल्ली, 16 फरवरी दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि उपद्रवियों का मुंह बंद कराने के बहाने असंतुष्टों को खामोश करने के लिये राजद्रोह का कानून नहीं लगाया जा सकता।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राना ने किसानों के चल रहे प्रदर्शन के दौरान फेसबुक पर फर्जी वीडियो डालकर कथित रूप से राजद्रोह और अफवाह फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार दो व्यक्तियों- देवी लाल बुरदक और स्वरूप राम- को जमानत देने के दौरान यह टिप्पणी की।

अदालत ने कहा कि समाज में शांति व व्यवस्था कायम रखने के लिये सरकार के हाथ में राजद्रोह का कानून एक शक्तिशाली औजार है।

न्यायाधीश ने 15 फरवरी को दिये गए अपने आदेश में कहा, “हालांकि, उपद्रवियों का मुंह बंद करने के बहाने असंतुष्टों को खामोश करने के लिये इसे लागू नहीं किया जा सकता। जाहिर तौर पर, कानून ऐसे किसी भी कृत्य का निषेध करता है जिसमें हिंसा के जरिये सार्वजनिक शांति को बिगाड़ने या गड़बड़ी फैलाने की प्रवृत्ति हो।”

आदेश में कहा गया कि हिंसा, अथवा किसी तरह के भ्रम अथवा तिरस्कारपूर्ण टिप्पणी या उकसावे के जरिये आरोपियों के द्वारा सार्वजनिक शांति में किसी तरह की गड़बड़ी या अव्यवस्था फैलाने के अभाव में मुझे संदेह है कि आरोपी पर धारा 124 (ए) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

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Web Title: Peasant Demonstration: Court said, treason law cannot be imposed to silence dissidents

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