असम-मिजोरम की सीमा पर शांति; गुवाहाटी ने नगालैंड और अरूणाचल से शांति वार्ता की
By भाषा | Published: July 31, 2021 08:07 PM2021-07-31T20:07:46+5:302021-07-31T20:07:46+5:30
गुवाहाटी/आइजोल/दीमापुर, 31 जुलाई असम-मिजोरम की सीमा पर शनिवार को शांति बनी रही और गुवाहाटी ने तनाव को कम करने के लिए पूर्वोत्तर के अपने कुछ पड़ोसियों के साथ वार्ता की पहल की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
असम और मिजोरम की पुलिस के बीच पांच दिन पहले हुई हिंसक झड़प के बाद असम से एक भी ट्रक पड़ोसी राज्य की सीमा में दाखिल नहीं हुआ। झड़प में छह पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस बीच हाल में सीमा पर हुई हिंसा को लेकर मिजोरम सरकार द्वारा उनके और राज्य के छह अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का कारण पूछा, जबकि घटनास्थल उनके राज्य की ‘‘संवैधानिक सीमा’’ के अंदर है।
असम से आवश्यक सामान या यात्रियों को लेकर एक भी वाहन ने सोमवार के बाद मिजोरम की सीमा के अंदर प्रवेश नहीं किया है। यह जानकारी शनिवार को वायरेंगटे थाने के प्रभारी लालचाविमावा ने दी।
असम ने परामर्श जारी कर अपने नागरिकों से कहा है कि मिजोरम की यात्रा करने से बचें और उसका कहना है कि आर्थिक नाकाबंदी नहीं लगाई गई है।
लालचाविमावा ने कहा कि शनिवार को भी असम से एक भी वाहन मिजोरम में नहीं गया लेकिन वहां से कुछ ट्रक असम की बराक घाटी की तरफ आ रहे हैं।
वायरेंगटे सबसे नजदीकी सीमावर्ती शहर है और मिजोरम के लिए यहां से रास्ता जाता है, जहां हिंसक झड़प हुई।
मिजोरम के मुख्य सचिव लालबियाकसांगी ने पूर्वोत्तर के प्रभारी केंद्र के अतिरिक्त गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि आवश्यक सामान एवं कोविड-19 जांच किट लेकर आ रहे वाहन असम के कछार जिले में ललितपुर-धोलाई इलाके में एनएच-306 पर फंसे हुए हैं।
मामित जिले के उपायुक्त लालरोजामा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि ईंधन एवं एलपीजी सहित कुछ आवश्यक आपूर्ति त्रिपुरा से राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। मामित जिले की सीमा त्रिपुरा से लगती है।
इस बीच, मिजोरम के साथ तनाव के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि जांच में शामिल होकर वह ‘‘काफी खुश’’ होंगे लेकिन आश्चर्य जताया कि इसे ‘‘निष्पक्ष एजेंसी’’ को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है।
मिजोरम और असम के बीच संघर्ष के बाद मिजोरम पुलिस ने सरमा एवं छह अधिकारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास एवं आपराधिक षड्यंत्र सहित विभिन्न आरोपों में वायरेंगटे थाने में सोमवार की देर रात प्राथमिकी दर्ज की। बहरहाल, यह प्राथमिकी शुक्रवार को सार्वजनिक हुई।
इस पर सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘किसी भी जांच में शामिल होकर खुशी होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘...लेकिन मामले को किसी निष्पक्ष एजेंसी को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है, खासकर तक जब घटनास्थल असम की संवैधानक सीमा के अंतर्गत है।’’
सरमा ने कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा को इस बात से अवगत करा दिया है। जोरामथांग ने इस पर कहा कि पूर्वोत्तर भारत एकजुट रहेगा।
जोरामथांगा ने अपनी सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना को ट्विटर पर साझा करते हुए कहा है कि असम के कछार जिले के साथ लगते मिजोरम के कोलासिब जिले में राज्य के अनिवासी व्यक्तियों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘पूर्वोत्तर भारत हमेशा एक रहेगा।’’
दोनों राज्यों की पुलिस ने सोमवार की हिंसा को लेकर आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और समन जारी किए हैं। सीमा पर विवाद जारी रहने के बीच असम ने शनिवार को नगालैंड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया, जिसके तहत दोनों पक्षों ने 24 घंटे के अंदर विवादित इलाकों से अपनी पुलिस हटाने पर सहमति जताई।
असम और नगालैंड के मुख्य सचिवों ने देसोई घाटी जंगल/सुरंगकोंग घाटी में दो स्थानों पर जारी तनाव को कम करने के लिए शनिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत अगले 24 घंटों के भीतर सुरक्षाबलों को एक साथ वापस बुलाया जाएगा।
नगालैंड के उपमुख्यमंत्री वाई पैटन और असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु की उपस्थिति में असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और नगालैंड के उनके समकक्ष जे आलम के बीच दीमापुर में एक बैठक के बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि नगालैंड के एओ सेंडेन और विकुतो गांव के आसपास के क्षेत्रों में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए तत्काल व प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि नगालैंड और असम के सुरक्षाबलों के बीच गतिरोध को दूर किया जा सके। इन गांवों को असम में क्रमश: जानखोना नाला/नागजंखा एवं कम्पार्टमेंट नं. 12 नाम से जाना जाता है।
इस बीच, असम और अरुणाचल प्रदेश ने शांतिपूर्ण संबंध सुनिश्चित करने के लिए सीमा पर यथास्थिति बनाए रखने के साथ अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए अंतर-राज्यीय सीमा पर संयुक्त गश्त करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
असम के डिब्रूगढ़ जिले और अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के नागरिक और पुलिस प्रशासन तथा वन विभाग के अधिकारियों के बीच अंतर-राज्यीय सीमावर्ती जिलों को लेकर समन्वय बैठक हुई। बैठक में डिब्रूगढ़ के उपायुक्त पल्लव गोपाल झा और तिरप के उनके समकक्ष तारो मिजे ने भाग लिया। इस बैठक में दोनों जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में दोनों राज्यों के लोगों के बीच यथास्थिति और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने का निर्णय किया गया।
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को तिरप के देवमाली अनुमंडल में दिन भर चली बैठक में सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे सड़क संपर्क में सुधार और लकड़ी, खनन तथा शराब के अवैध कारोबार पर चर्चा हुई। यह निर्णय किया गया कि अवैध व्यापार की गतिविधियों से निपटने के लिए असम पुलिस और अरुणाचल प्रदेश पुलिस के साथ-साथ दोनों राज्यों के वन विभाग के कर्मियों द्वारा संयुक्त गश्त की जाएगी।
दोनों उपायुक्तों ने अंतर-राज्यीय सीमा पर शांतिपूर्ण संबंध सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर इसी तरह की सद्भावना बैठकें आयोजित करने का भी निर्णय किया।
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