पीडीपी नेता पर्रा की जम्मू-कश्मीर में ‘राजनीतिक-अलगाववादी-आतंकी’ गठजोड़ में अहम भूमिका : एनआईए

By भाषा | Updated: March 22, 2021 19:22 IST2021-03-22T19:22:01+5:302021-03-22T19:22:01+5:30

PDP leader Parra's key role in 'political-separatist-terrorist' alliance in Jammu and Kashmir: NIA | पीडीपी नेता पर्रा की जम्मू-कश्मीर में ‘राजनीतिक-अलगाववादी-आतंकी’ गठजोड़ में अहम भूमिका : एनआईए

पीडीपी नेता पर्रा की जम्मू-कश्मीर में ‘राजनीतिक-अलगाववादी-आतंकी’ गठजोड़ में अहम भूमिका : एनआईए

जम्मू, 22 मार्च राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के मामले में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता वहीद उर रहमान पर्रा और दो अन्य लोगों के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया तथा कहा कि युवा नेता की जम्मू-कश्मीर में ‘‘राजनीतिक-अलगाववादी-आतंकी’’ गठजोड़ को बनाए रखने में अहम भूमिका थी।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि पर्रा के अलावा शाहीन अहमद लोन और तफजुल हुसैन परिमू के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

जांच एजेंसी के अनुसार, ये दोनों लोग आतंकवादियों के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से हथियार और पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर आतंकी गतिविधियां करने के लिए धन मुहैया कराने में शामिल थे।

उन्होंने बताया कि एनआईए ने डीएसपी दविंदर सिंह मामले में यहां एक विशेष अदालत में तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं 17, 18, 38, 39 एवं 40, शस्त्र कानून की धारा 25 (1एए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा छह के तहत पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है।

सिंह को पुलिस ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडरों-सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ ‘नवीद बाबू’ और रफी अहमद राथर तथा वकील इरफान शफी मीर के साथ 11 जनवरी, 2020 को उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे श्रीनगर से जम्मू जा रहे थे।

एनआईए ने मामले को 17 जनवरी को पुन: दर्ज किया था और जांच अपने हाथ में ले ली थी। उसने इस मामले में छह जुलाई को आठ आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के निकट सहयोगी पर्रा को एनआईए ने पिछले साल 25 नवंबर को इस मामले में गिरफ्तार किया था।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जांच से पता चलता है कि आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया पर्रा हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को धन स्थानांतरित करने और उनके लिए धन एकत्र करने संबंधी षड्यंत्र में शामिल था, ताकि आतंकवादी गतिविधियों के लिए सामान खरीदा जा सके। जम्मू-कश्मीर में ‘राजनीतिक-अलगाववादी-आतंकी’ गठजोड़ बनाए रखने में भी उसकी अहम भूमिका थी।’’

उन्होंने लोन और परिमू के बारे में बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपपत्र में आरोपी बनाए गए ये लोग हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतकंवादियों के लिए नियंत्रण रेखा के पार से हथियारों का प्रबंध करने में शामिल थे और वे पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां करने के लिए आतंकवादियों को धन भी मुहैया कराते थे।

भाषा

जम्मू-कश्मीर पुलिस जल्द ही निलंबित पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू को उस मामले में पूछताछ के लिये हिरासत में लेगी जिसमें पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद-उर-रहमान पारा को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

एक अदालत में प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों की जांच करने के लिए अधिकृत सीआईडी की शाखा केंद्रीय जांच कश्मीर (सीआईके) ने न्यायाधीश को सूचित किया है कि वह जल्द ही मामले में पूछताछ के लिये उन्हें हिरासत में लेगी।

सीआईके ने पिछले साल भरोसेमंद और गोपनीय सूत्रों के आधार पर यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया था जिसमें कहा गया था कि कुछ राजनीतिक पदाधिकारी अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रहे हैं और कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों में मदद कर रहे हैं और उन्हें बढ़ावा दे रहे हैं।

पुलिस विशेष अदालत में पारा द्वारा दायर जमानत याचिका का जवाब दे रही थी, जिसे बाद में 23 फरवरी को खारिज कर दिया गया था।

पुलिस के वकील ने अदालत में कहा था, ‘‘जांच में पता चला है कि आरोपी राष्ट्र विरोधी तत्वों और कुछ सक्रिय सदस्यों के संपर्क में था, जिसमें कुछ ऐसे आरोपी भी शामिल हैं, जो फिलहाल एनआईए मामले में जेल में बंद हैं।’’

पुलिस के वकील ने अदालत में कहा था, ‘‘इस मामले में इन आरोपियों से जम्मू की एनआईए अदालत से अनुमति लेने के बाद पूछताछ की जानी है।’’

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार करने के बाद सिंह, सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ ​​नवीद बाबू के साथ-साथ समूह के कथित सक्रिय सदस्य इरफान शफी मीर और इसके सदस्य रफी अहमद राथर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। व्यापारी तनवीर अहमद वानी और नावेद बाबू के भाई सैयद इरफान अहमद को भी नामजद किया गया था।

सिंह के साथ मीर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले साल जनवरी में गिरफ्तार किया था, जब वे कठोर सर्दियों से बचाने के लिए नवीद बाबू और राथर को कश्मीर से बाहर निकाल रहे थे। बाद में, इस मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया था और एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में आरोप पत्र दायर किया था।

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