पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा आयोजित विपक्षी एकता की बैठक को लेकर लोक जनशक्ति (पारस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि नीतीश कुमार दलितों के मौलिक अधिकार का हनन कर रहे हैं। पासवान, मुसहर और पासी समाज का अधिकार नीतीश उनसे छीन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता की बात रही है तो इस बैठक में वही लोग आ रहे हैं जिन पर सीबीआई और ईडी की छापेमारी हुई है। इसमें उसी पर चर्चा होनी है। उन्होंने कहा कि आज जो विपक्षी एकता की बैठक होने वाली है। उसमें 80 फीसदी लोगों पर सीबीआई और ईडी का शिकंजा कसा हुआ है।
ये लोग 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की बात करते हैं। लेकिन, विपक्ष एकजुट हैं कहां, यह सबसे बड़ा सवाल है। हमलोग तो पिछले 10 सालों से यही सुन रहे हैं। इस बैठक में आने वाले सभी लोग महत्वकांक्षी हैं। अभी अपनी अपनी बात को लेकर एकजुट हो रहे हैं। मोदी जी को हटाने के लिए कभी भी विपक्षी एकता कायम नहीं हो पाएगा।
उनकी पार्टी के एनडीए का साथ देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं जबतक राजनीति करूंगा, तबतक एनडीए में रहूंगा। इसबार के लोकसभा चुनाव में भी मेरी भूमिका रहेगी। हमलोग एनडीए के सबसे सच्चे दल हैं, हम पहले भी साथ थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगें। वहीं, सीट फार्मूला पर पारस ने कहा कि इसको लेकर अभी बहुत समय है।
हमलोग आपस मे बैठेंगे तो जो सीट जितने के लायक होगा। उसी हिसाब से सीट मिलेगा। हम खुद 40 सीट पर प्रचार प्रसार करेंगे। हमारा उद्देश्य सिर्फ 40 का 40 सीट जितना है। इसबार हमलोग सभी सीटों पर जीत हासिल करेंगे। इधर, पारस ने नीतीश कुमार के ऊपर दलित समुदाय की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में दलित और अतिपिछड़ा समुदाय के लोग सुरक्षित नही हैं।
लगातार जगह- जगह पर दलितों की हत्या कर दी जाती है। इसके बाबजूद प्रशासन सो रही है। थाने में केस तक दर्ज नहीं किया जाता है। बिहार का पूरा प्रशासन शराब बेचवाने में लगा हुआ है। नीतीश कुमार पासवान, मुसहर और पासी जाती का मौलिक अधिकार का हनन कर रहे हैं।